संजय विश्वकर्मा, उमरिया. 26 सितंबर को जिला मुख्यालय उमरिया में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और पुलिस के बीच हुई झड़प के मामले में अपनी मांगों को लेकर गोंगपा के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगलवार को उमरिया पहुंचे. उन्होंने पार्टी के कार्यकर्याओं की 7 दिनों के भीतर रिहाई की मांग की है. साथ ही यह भी अल्टीमेटम दिया है कि अगर उन्हें जेल से रिहा नहीं किया गया तो प्रदेश भर से कार्यकर्ता उमरिया पहुंच कर आंदोलन करेंगे.

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गोंगपा के प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते ने मीडिया से बात करते हुए सनसनीखेज आरोप लगाए है. उन्होंने कहा कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं का शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चल रहा था. कुछ शरारती लोगों ने चाहे वे भाजपा के हों या कांग्रेस के, उन्होंने बीच में घुसकर अशांति उत्पन्न की है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने आज तक ऐसा नहीं किया है. हम जेल भरो आंदोलन करेंगे. हक़ और अधिकार के लिए हम डरते नहीं हैं. सिर कटा देंगे लेकिन सिर झुकाएंगे नहीं.

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वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इरफान मलिक ने कहा कि, हमने उमरिया कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर जेल से कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की है. अगर 7 दिनों के अंदर कार्यकर्ताओं को रिहाई नहीं की गई तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा.

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क्या है पूरा मामला ?

बता दें, उमरिया जिले में 26 सितंबर को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कई मांगों को लेकर रैली के साथ विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदेश की जनजाति कार्य मंत्री और जिले के मानपुर से विधायक मीना सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार की जांच की मांग भी इसमें शामिल थी.

इस विरोध प्रदर्शन के लिए दोपहर तक उमरिया शहर के स्टेशन चौक पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए. इस दौरान उमरिया शहर में रैली निकालकर दुकानों को बंद कराने की मांग की जाने लगी. इसके बाद पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. बवाल में उमरिया के एडिशनल एसपी, दो टीआई समेत 16 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के 37 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

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