पुरुषोत्तम पात्रा,गरियबंद. आपने पुलिस को अपराधियों को दबोचते और उन्हें जेल भेजते अक्सर सुना और देखा होगा.लेकिन आज हम आपको पुलिस की एक एसी पहल के बारे में बतायेंगे,जिसे जानकार आप पुलिस विभाग की तारीफ करने से पीछे नहीं हटेंगे. दरअसल,इन दिनों गरियाबंद पुलिस ने गांव की महिलाओं को अपने साथ जोड़कर अपराध पर अंकुश लगाने का प्रयास किया है.

बता दें कि गरियाबंद पुलिस ने पुलिस सखी के नाम से एक संगठन बनाकर महिलाओं को अपने साथ जोडा है, ये महिलाएं अब अपने अपने गांव में समूह बनाकर अपराधों को रोकने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का काम करेंगी. इस संगठन के बारे में एसपी एमआर आहिरे ने बताया कि ये महिलाएं पुलिस के एक अंग के रूप में काम करेंगी, जिले में थाना प्रभारियों द्वारा जागरुक महिलाओं को इस संगठन में जोड़ा गया है.

महिलाओं के सहयोग से जिले में अपराधों को रोकने और दूसरी महिलाओं को जागरुक करने का काम किया जायेगा, साथ ही एसपी ने इस संगठन के प्रयास से जिले में महिलाओं की स्थिति सुधरने की भी उम्मीद जताई है.

उल्लेखनीय है कि समूह से जुड़ी महिलाओं को पुलिस विभाग द्वारा स्पेशल ट्रेनिंग दी गयी है, एडिशनल एसपी नेहा पाण्डेय ने  इन महिलाओं को ट्रेंड किया  है, जिससे नशा, जुआ, सट्टा, महिला संबंधी अपराध, घरेलू हिंसा, शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रखना, प्रेम सबंधों में झांसा, छेड़खानी, बलात्कार, मानव तस्करी, दहेज प्रताड़ना, टोनही प्रताड़ना और कन्या भ्रुण हत्या जैसी समाजिक कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया जायेगा. इस समूह से जुड़ने के बाद से ही महिलाओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है.

पुलिस मित्र की तर्ज पर बनाया गया पुलिस सखी संगठन कितना कारगर साबित होगा ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा. मगर इस अभियान से जुड़ी इन महिलाओं के लिए फिलहाल पुलिस का साथ मिलना किसी संजीवनी से कम नहीं है.