कुमार इंदर,जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल यूं तो किसी पहचान का मोहताज नहीं है। आजादी के दीवानों की फांसी के लेकर जाने माने बलिदानियों को फांसी दिए जाने को लेकर पहचाने जाने वाला जबलपुर का केंद्रीय जेल अब ऑनलाइन मुलाकात के लिए भी पहचाना जाएगा। जी हां जबलपुर प्रदेश का पहला जेल बन गया है जहां पर अब जेल के अंदर बंद कैदियों की मुलाकात ऑनलाइन कराई जा रही है।
अखिलेश तोमर, जेल अधीक्षक, सेंट्रल जेल, जबलपुर ने बताया कि जेल में बंद कैदियों की आनलाइन मुलाकात का टाइम 15 मिनट तय किया गया है। आनलाइन मुलाकात के लिए सबसे पहले मुलाकात करने वाले को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। उसके बाद जेल प्रबन्धन आवेदन पर विचार करेगा। अगर राजिस्ट्रेशन फार्म में आनलाइन मुलाकात के नियमों का पालन किया गया होगा तो जेल प्रबंधन एप्लीकेशन मंजूर कर मुलाकात की डेट तय करेगा। उसके बाद ऑनलाइन मुलाकात हो पाएगी।
ऑनलाइन मुलाकात के शुरुआती दौर में एक दिन में करीब 20 से 25 कैदियों को मुलाकात कराई जा रही है। ऑनलाइन मुलाकात महीने में एक बार रखी गई है। खास बात ये है कि, ऑनलाइन मुलाकात केवल अच्छे आचरण वाले कैदियों को दी जाएगी। जिनका आपराधिक रिकॉर्ड गम्भीर है उन्हें इसका फायदा फिलहाल नहीं दिया जा रहा है
जेल प्रशासन की इस कवायद के पीछे का मुख्य उद्देश्य फिजिकली रुप से होने वाली मुलाकात का लोड कम करना है। एक तरफ जहां इस कदम से कैदियों का समय बच रहा है तो वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन मुलाकात से जेल प्रहरियों का समय भी बच रहा है। इस पहल से फिजिकल मुलाकात के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में लगने वाला बल भी कम होगा। जेल प्रशासन ने इस कदम को आगे और गति देने का मन बनाया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की ऑनलाइन मुलाकात हो सके।
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