राष्ट्रीय राजधानी में कार्यरत श्रमिकों और मजदूरों के लिए रेखा गुप्ता सरकार(CM Rekha Gupta) ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. दिल्ली सरकार ने सभी श्रेणियों के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दरों में वृद्धि की घोषणा की है, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी. अब अकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 18,456 रुपये निर्धारित किया गया है, जबकि ग्रेजुएट और उससे अधिक योग्यता वाले श्रमिकों को 24,356 रुपये प्रति माह प्राप्त होंगे. यह कदम केंद्र द्वारा घोषित महंगाई भत्ते की दरों के मद्देनजर उठाया गया है.
दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि यह निर्णय श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है. महंगाई के बढ़ते दबाव के बीच, यह वेतन वृद्धि श्रमिकों की क्रय शक्ति को सुदृढ़ करेगी और उनके परिवारों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगी. सरकार ने इसे सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में प्रस्तुत किया है.
जारी रहेगी बिजली सब्सिडी
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को अपनी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति को तीन महीने के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया और राष्ट्रीय राजधानी में बिजली सब्सिडी जारी रखने की अनुमति दी. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चार श्रेणियों के लिए मौजूदा बिजली सब्सिडी को जारी रखने का भी अनुमोदन किया गया. ये चार श्रेणियां हैं- घरेलू उपभोक्ता, किसान, चैंबर वाले वकील और 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ित.
परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने स्पष्ट किया कि तिपहिया और अन्य श्रेणी के वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार अपने नागरिकों के लिए कई योजनाएं लागू करने की इच्छुक है, जिन्हें संशोधित ईवी नीति में शामिल किया जाएगा. गृह मंत्री आशीष सूद ने बिजली सब्सिडी को लेकर फैल रही गलतफहमियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंत्रिमंडल ने किसानों और वकीलों को लाभ पहुंचाने वाली सब्सिडी को बढ़ाने के लिए एक विशेष प्रस्ताव को मंजूरी दी है, साथ ही दंगा पीड़ितों को निरंतर सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है.
मजदूरी दरों में इजाफे से श्रमिकों को कितना होगा फायदा
अकुशल मजदूरों का वेतन पहले 18066 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 18456 रुपये किया गया है, जिससे उनकी सैलरी में 390 रुपये की वृद्धि हुई है.
अर्ध अकुशल मजदूरों के लिए पहले वेतन 19929 रुपये था, जो अब 20371 रुपये हो गया है, इस प्रकार इनकी सैलरी में 442 रुपये का इजाफा हुआ है.
कुशल मजदूरों का वेतन पहले 21917 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 22411 रुपये किया गया है, जिससे इनकी मजदूरी में 494 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
जो श्रमिक मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए हैं, उन्हें पहले 19929 रुपये का वेतन मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 20371 रुपये कर दिया गया है.
जो श्रमिक मैट्रिक पास हैं लेकिन ग्रेजुएट नहीं हैं, उन्हें पहले 21917 रुपये मिलते थे, जो अब 22411 रुपये हो गए हैं.
ग्रेजुएट या उससे अधिक शिक्षित श्रमिकों का वेतन पहले 23836 रुपये था, जिसे अब 24356 रुपये कर दिया गया है. इस प्रकार, सभी श्रेणियों के श्रमिकों के वेतन में वृद्धि की गई है.
जस्टिस बीआर गवई होंगे देश के नए मुख्य न्यायाधीश, 14 मई को लेंगे शपथ
न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन पाने वाले श्रमिक यहां करें शिकायत
इस आदेश के पश्चात, यदि किसी श्रमिक को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दरों से कम वेतन मिलता है, तो वह इसकी शिकायत कर सकता है. ऐसे श्रमिक अपने संबंधित जिले के संयुक्त श्रम आयुक्त या उप श्रम आयुक्त के समक्ष अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकते हैं. इन अधिकारियों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अंतर्गत प्राधिकृत किया गया है.
मनमाने ढंग से फीस वृद्धि पर शिकंजा
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को जानकारी दी कि उन विद्यालयों को नोटिस जारी किए गए हैं जिनके खिलाफ अवैध शुल्क वृद्धि की शिकायतें प्राप्त हुई हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि इन स्कूलों से स्पष्टीकरण मांगा गया है, और यदि उनका उत्तर नहीं मिलता है, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक