Google को अपनी महिला स्टॉफ के साथ भेदभाव करना महंगा पड़ गया…गूगल पर 15,500 महिला कर्मचारियों के साथ जेंडर डिस्क्रिमिनेशन भेदभाव करने की वजह से 923 करोड़ रुपये ($118) का जुर्माना लगाया गया था. कंपनी पर महिला कर्मचारियों को पुरुष कर्मचारियों मुकाबले कम सैलरी देने का केस रजिस्टर्ड किया गया था, जिसपर अब फैसला आया है.

Google ने किया इक्वल पे एक्ट का उल्लंघन

साल 2017 में चार महिलाओं ने Google के खिलाफ केस रजिस्टर्ड कराया था, जिसके मुताबिक, उन्हें पुरुषों की तुलना में कम सैलरी दी जा रही थी, जो कैलिफॉर्निया इक्वल पे एक्ट का उल्लंघन था. Google के खिलाफ शिकायत में कहा गया था कि महिलाओं को कम सैलरी पैकेज में रखा जाता है, जिसकी वजह से महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम सैलरी और बोनस मिलता है.

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15,500 महिला कर्मचारी ने लगाया आरोप

इन चार महिलाओं में गूगल की पूर्व कर्मचारी केली एलिस, होली पीज़, केली विसुरी और हेइडी लैमर शामिल हैं. क्लास एक्शन स्टेटस यानी सामूहिक कार्रवाई मिलने के बाद 2013 से गूगल में काम कर रही 15,500 महिला कर्मचरी इस मुकदमे का हिस्सा बन चुकी हैं. पहले गूगल ने इन तमाम आरोपों को खारिज कर दिया था, मगर अब इस मामले में वह 118 मिलियन डॉलर देने के लिए राजी हो गया है.

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पिछले 5 साल से चल रहा केस

इस पूरे मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि महिलाओं को उनकी देय राशि को 21 जून तक पूरा किया जाए. यह केस पिछले 5 साल से चल रहा है. यह पहली बार नहीं है जब गूगल के खिलाफ इस तरह का केस दर्ज हुआ है. इससे पहले कंपनी पर एक महिला इंजीनियर ने कम सैलरी देने का केस दर्ज कराया था. जिस वजह से तब गूगल को 2.5 मिलियन डॉलर का समझौता करना पड़ा था.