नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने महात्मा गांधी के पौत्र और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. उनके नाम का फैसला  संसद भवन में हुई 18 विपक्षी दलों की बैठक में लिया गया. गौपाल कृष्ण की गिनती देश के सबसे विद्वान लोगों में होती है.

गोपाल कृष्ण गांधी को पहले कांग्रेस ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया था. लेकिन उससे पहले बीजेपी ने दलित नेता रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. हांलाकि अब बीजेपी को महात्मा गांधी का नाम जुड़ा होने की वजह से गोपाल कृष्ण का विरोध करने में दिक्कत हो सकती है.

 

71 वर्षीय गोपाल कृष्ण गांधी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी है. ये बंगाल के पूर्व गवर्नर भी रह चुके हैं. ये बंगाल के 22 वें गवर्नर थे. 2004 से 2009 तक इस पद पर कार्यरत रहे. वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं. इनका जन्म 22 अप्रैल 1945 में हुआ था.

भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व सदस्य के रूप में, उन्होंने अन्य प्रशासनिक और कूटनीतिक पदों के बीच भारत के राष्ट्रपति के सचिव के रूप में सेवा की. इन्होंने दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के उच्चायुक्त के रूप में भी कार्यरत रहें.

जानें कब किस पद पर थे गोपालकृष्ण गांधी

1968 -1985 में आईएएस अधिकारी के रूप में शामिल हुए और तमिलनाडु में सेवा की.

1985-1987 भारत के उपराष्ट्रपति के सचिव रहे.

1987-1992 भारत के राष्ट्रपति के संयुक्त सचिव रहे.

1992 – ब्रिटेन के उच्चायोग में आईएएस 1992 के मंत्री (संस्कृति) से सेवानिवृत्त हुए और नेहरू सेंटर, लंदन, ब्रिटेन के निदेशक थे.

1997-2000 भारत के राष्ट्रपति के सचिव रहे.

2000 – श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त पद पर कार्यरत रहे.

2002 – भारत के नॉर्वे, और आइसलैंड में राजदूत

2004 – पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहें.

2006 – बिहार के राज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार)