Gopalganj Government school गोपालगंज/ कुमार प्रदीप की रिपोर्ट…

बिहार में शराबबंदी कानून को लागू हुए 9 साल होने को है। यहां शराब बेचना और पीना दोनों पर पाबंदी है। पुलिस ऐसा करने वालों पर उत्पाद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करती है। सजा के भी कड़े प्रावधान है, लेकिन उसके बाद भी शराबी जो है वह अपने हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं। अब तो इस जिला मुख्यालय के भोरे में तो नशेबाजों ने सीमा ही पार कर दिया है।

शराबियों का अड्डा बनता दिख रहा

जिस शिक्षा के मंदिर में बच्चों को ज्ञान का पाठ पढ़ाया जा रहा है। वह विद्या का मंदिर ही अब शराबियों का अड्डा बनता दिख रहा है। अभी एक माह पूर्व भोरे प्रखंड के खदही पंचायत के मिश्रौली स्थित सरकारी विद्यालय में शराब के सैकड़ों खाली बोतल को लेकर किरकिरी हुई थी की इसी बीच भोरे प्रखंड के ही नवसृजित प्राथमिक विद्यालय अमवा खास सरकारी विद्यालय के कैंपस में शराब की सैकड़ों खाली बोतल ने प्रशासनिक कार्रवाई पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

छात्रों पर क्या पड़ेगा

हद तो इस बात की है कि इस स्कूल के प्रधानाचार्य ड्यूटी तो करते हैं. लेकिन कंपाउंड में पड़े सैकड़ों शराब की खाली बोतलों का असर छात्रों पर क्या पड़ेगा। इससे उनकी मानसिक स्थिति कहां पहुंचेगी। इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। हो भी क्यों ना क्योंकि महाशय तो सरकारी मुल्लाजिम है।

सरकार तो सैलरी दे ही रही है…

वह विद्यालय में कचरे की तरफ फैले शराब की खाली बोतलों की सूचना प्रशासन को क्यों देंगे। इनका समय नष्ट हो जाएगा। बरहाल प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तो कहते हैं कि बंदी के बाद यह आलम है। इस मामले में पुलिस को सूचना दी जाएगी, लेकिन बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि कहीं ना कहीं भोरे में नशेबाजो ने पूरी तरह से सरकारी विद्यालय को सेफ जोन समझ अब अपना अड्डा बना लिया है।

सूचना मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी

हालांकि इस पूरे मामले में भोरे के नए थाना अध्यक्ष बालेश्वर राय से भी बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले में विद्यालय प्रशासन के द्वारा कोई सूचना स्थानीय थाने को नहीं दिया गया है। सूचना मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।