गोपालगंज। जिले में दो नियोजित शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के बाद बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। निगरानी ब्यूरो विभाग द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में दोनों शिक्षकों के बीईटीईटी अंक पत्र फर्जी साबित हुए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने गंभीरता दिखाते हुए दोनों की सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। जिन शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं, उनमें नव प्राथमिक विद्यालय शंकरपुर ओराडीह की टीना मुन्नी खातुन और नव प्राथमिक विद्यालय परसौनी मलाही टोला के सुबोध कुमार मांझी शामिल हैं।
निगरानी कोषांग ने किया फर्जीवाड़ा प्रमाणित
जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की स्थापना शाखा के निगरानी कोषांग द्वारा दोनों शिक्षकों के फोल्डरों और दस्तावेजों की गहन जांच की गई। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना से प्राप्त सत्यापन रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि दोनों के BETET अंक पत्र असली नहीं हैं। रिपोर्ट के आधार पर दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस अवर निरीक्षक (शिक्षक जांच) अमरेश कुमार ने बैकुंठपुर थाना और महम्मदपुर थाना कांड दर्ज किए हैं।
एक सप्ताह में सेवा समाप्त करने का आदेश
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), सह-नोडल पदाधिकारी साहेब आलम ने संबंधित पंचायत सचिव और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, बैकुंठपुर को निर्देश दिया है कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत एक सप्ताह के भीतर दोनों शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। साथ ही चेतावनी दी गई है कि भविष्य में यदि वेतन भुगतान या प्रशासनिक समस्या उत्पन्न होती है, तो जिम्मेदार संबंधित अधिकारी होंगे।
फर्जी प्रमाणपत्र पर विभाग का सख्त रुख
विभाग ने इस कार्रवाई को फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के विरुद्ध शून्य सहनशीलता नीति का हिस्सा बताया है। हाल के महीनों में जिले के कई नियोजित शिक्षकों के दस्तावेजों की विशेष जांच की जा रही है जिसमें प्रशिक्षण, योग्यता और नियोजन संबंधी सभी कागजात की गहन समीक्षा शामिल है।
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