दीपावली के अगले दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है, जिसे अन्नकूट उत्सव के नाम से भी जाना जाता है. गोवर्धन पूजा के दिन श्रद्धापूर्वक अन्नकूट के दर्शन मात्र से व्यक्ति को वर्षभर अन्न-धन की कमी नहीं होती. यह उत्सव सामूहिक सद्भाव, प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और भगवान श्रीकृष्ण की असीम कृपा का प्रतीक है. अन्नकूट दर्शन से व्यक्ति को अन्नदाता और प्रकृति माता के आशीर्वाद से स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है. गोवर्धन पूजा का यह शुभ अवसर इस बार 22 अक्टूबर 2025, बुधवार को है, जब शुभ मुहूर्त में अन्नकूट का भोग लगाकर ग्रहों की प्रतिकूल दशा को अनुकूल बनाया जा सकता है.

अन्नकूट में शामिल ये पाँच चीजें बदलेंगी ग्रहों की दशा
अन्नकूट के प्रसाद में कई तरह की मौसमी सब्जियां और अनाज शामिल होते हैं. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, अन्नकूट में शामिल कुछ विशेष चीजें ग्रहों की स्थिति को संतुलित करने में सहायक होती हैं.
बाजरा या मोटा अनाज (सूर्य): अन्नकूट में बाजरा या अन्य मोटे अनाज को शामिल करने से सूर्य मजबूत होता है, जिससे मान-सम्मान और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है.
दही/दूध से बने पकवान (चंद्रमा): दही या दूध से बने पकवान (जैसे खीर) का भोग लगाने से मन का कारक चंद्रमा शांत होता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है.
हरी सब्जियां (बुध): अन्नकूट की विशेष सब्जी में हरी सब्जियां शामिल करने से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं, जिससे बुद्धि, व्यापार और वाणी में लाभ होता है.
पीली दाल या कढ़ी (बृहस्पति): चने की दाल या कढ़ी जैसी पीली चीजों को शामिल करने से देवगुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्त होती है, जो ज्ञान, धन और वैवाहिक सुख के कारक हैं.
चावल या मिठाई (शुक्र): चावल से बनी खीर या अन्य मिठाइयां भोग में रखने से शुक्र ग्रह को बल मिलता है, जो भौतिक सुख-सुविधाओं और प्रेम का कारक है.
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