रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा से बहुमत से पारित कृषि संशोधन विधेयक राजभवन में अटकी हुई है. इसके लेकर लगाए जा रहे तमाम कयासों के बीच राज्यपाल अनुसुईया उइके ने स्पष्ट किया है कि विधेयक पर वे कानूनी सलाह ले रहीं हैं. सेंट्रल का मामला है, कही किसी तरह का आपसी क्लैश तो नहीं है.

बता दें कि संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर 27 और 28 अक्टूबर को दो दिवसीय छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 पारित किया गया था. विधेयक के अनुसार, कृषि, उद्यान-कृषि, पशु पालन, मधुमक्खी पालन, मत्स्यपालन या वन संबंधी सभी उत्पाद चाहे वह प्रसंस्कृत या विनिर्मित हो या न हो, को कृषि उपज करार दिया गया है. इसके साथ ही राज्य सरकार राज्य में कृषि उपज के संबंध में जरूरत पड़ने पर मंडी स्थापित कर सकेगी और निजी मंडियों को डिम्ड मंडी घोषित कर सकेगी.

विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद राज्यपाल के अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया है, लेकिन अभी तक राज्यपाल इस पर निर्णय नहीं ले पाईं हैं, जिसकी वजह से यह विधेयक अमल में नहीं आ पाया है. बता दें कि छत्तीसगढ़ से पहले कांग्रेस शासित पंजाब विधानसभा में भी केंद्र द्वारा पारित कृषि संशोधन विधेयक के खिलाफ विधेयक पारित किया जा चुका है.