रायपुर। छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की पुण्यतिथि 11 अगस्त पर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें नमन किया है. मिनीमाता को सरल और सहज व्यक्तित्व की धनी बताते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया.

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हुए कहा है कि मिनीमाता ने समाज के निचले तबके के कल्याण के लिए और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. उन्होंने नारी शिक्षा के लिए उल्लेखनीय कार्य किये। उनका जीवन हम सबके लिए अनुकरणीय है.

विस अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि उन्हें छत्तीसगढ़ की राजमाता कहा जाता है जबकि वह किसी राजघराने से नहीं आती थीं, पर छतीसगढ़ की जनता उन्हें राजमाता जैसा सम्मान दिया. मिनीमाता हमेशा गरीबों और दलितों की मदद के लिए तैयार रहती थीं. संसद से लेकर सड़क तक उन्होने इसके लिए आवाज उठाई. वे छत्तीसगढ़ मजदूर कल्याण संगठन, भिलाई की संस्थापक थीं. जब वे सांसद के रुप में दिल्ली में रहती थीं तो उनका वास स्थान एक धर्मशाला जैसा था.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि असम में जन्मी मिनीमाता विवाह के बाद छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रच-बस गई. दीन-दुखियों की सेवा के लिए वे आजीवन समर्पण के साथ लगी रहीं. दलितों के नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिये अस्पृश्यता निवारण अधिनियम को संसद में पारित कराने में उन्होंने महती भूमिका निभाई. उन्होंने मजदूरों को एकजुट करने के लिये छत्तीसगढ़ मजदूर संघ का गठन किया. उन्होंने कहा कि मिनीमाता को दलितों और महिलाओं के उत्थान के लिए किए गए कार्यों के लिए सदा याद किया जाएगा.