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नई दिल्ली। तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों की आखिरकार सरकार से छठवें दौर की चर्चा में सार्थक नतीजे सामने आए. किसानों की चार मांगों में से दो पर सरकार ने सहमति जताई, वहीं शेष दो मांगों पर चर्चा के लिए किसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी को अगली बैठक होगी.
किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में किसान आंदोलन में शामिल नेताओं के साथ छठवें दौर की बैठक हुई. चर्चा के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बताया कि किसानों की चार मांगों में से दो पर सरकार ने अपनी सहमति जताई है. इसमें पर्यावरण संबंधी अध्यादेश के अलावा पराली और बिजली बिल को लेकर सरकार ने किसानों की मांगों पर सहमति जताई है.
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट जो अभी आया नहीं है, उन्हें (किसानों को) लगता है यह एक्ट आएगा, तो इससे किसानों को नुकसान होगा. सिंचाई के लिए जो बिजली की सब्सिडी दी जाती है वो राज्य जिस प्रकार से देते रहे है, वैसे ही चलनी चाहिए. इस पर भी सरकार और किसान यूनियनों के बीच सहमति हो गई है.