Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में सोमवार, 8 सितंबर को कानून-व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई। सदन की शुरुआत होते ही विपक्ष के विधायकों ने प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराध, खनन माफिया और हाल की आपराधिक घटनाओं का मुद्दा उठाया।

विपक्ष की मांग और हंगामा

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अध्यक्ष से कानून-व्यवस्था पर एक दिन की विशेष चर्चा की मांग की। इसी दौरान कांग्रेस विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों के मामलों का जिक्र करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। नीमकाथाना के विधायक सुरेश मोदी ने अपने इलाके में दुष्कर्म के एक मामले में कार्रवाई की मांग रखी। धीरे-धीरे कांग्रेस के विधायक वेल तक पहुंच गए और गृह मंत्री जवाहर सिंह बेढम से इस्तीफा मांगने लगे। हंगामे के चलते अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

बाहर भी भिड़े जूली और बेढम

सदन से बाहर निकलने के बाद भी दोनों नेता आमने-सामने दिखे। गृहमंत्री बेढम ने नेता प्रतिपक्ष जूली पर गलत आंकड़े पेश कर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा, आपको सदन में खड़े होकर माफी मांगनी चाहिए। इस पर जूली ने सामने ही तीखा पलटवार किया और कहा, सरकार के आंकड़े और भैंस को खिला दो कांकड़े, दोनों बराबर हैं।

सरकार और विपक्ष के दावे

गृहमंत्री बेढम ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस के समय में राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब थी, जबकि वर्तमान सरकार में अपराधों में कमी आई है। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि

  • हत्या के मामलों में 13% कमी,
  • हत्या के प्रयास में 6% कमी,
  • डकैती में 25.45% कमी,
  • रेप के मामलों में 7.85% कमी,
  • बलवों में 6.55% कमी,
  • नकबजनी में 14.6% कमी दर्ज हुई है।
  • महिला अत्याचार के मामलों में भी दहेज मृत्यु में 9.5% और दहेज आत्महत्या में 42.48% कमी आई है।

वहीं, टीकाराम जूली ने सरकार पर आंकड़ों में हेरफेर का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि सिर्फ 1 जनवरी से 30 जून तक राजस्थान में दुष्कर्म के 2966 मामले सामने आए हैं। जूली ने कहा, यह पूरा खेल आंकड़ों का है। जब मुकदमे दर्ज ही नहीं होंगे, तो सरकार कमी के आंकड़े दिखाएगी कैसे?

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