शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश (MP) में कुपोषण (malnutrition) को लेकर सरकार की भले ही कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही है लेकिन विगत वर्षों में परिणाम जस के तस रहे हैं। लिहाजा कुपोषण को लेकर सरकार चिंतित है।मातृ मृत्यु दर नवजात शिशु मृत्यु दर शिशु मृत्यु दर और कुपोषण की दर में वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय औसत से प्रदेश का अनुपात अधिक बताया जा रहा है। 

रिपोर्ट को ध्यान में रखकर सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है। रिटायर्ड आईएएस अफसर डॉ. मनोहर अगनानी को टास्क फोर्स में शामिल किया गया है। कुपोषण को लेकर उन्हें प्लानिंग जिम्मेदारी मिली है। 

बता दें कि पिछले कई वर्षों में कुपोषण पर राज्य सरकार द्वारा हजारों रुपए खर्च किए गए। लेकिन मध्यप्रदेश में 10 लाख से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार  है। जबकि छह लाख से अधिक बच्चे अति गंभीर कुपोषण से पीड़ित है। वही योजनाओं के संचालन के बाद भी कुपोषण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। 

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