शब्बीर अहमद, भोपाल। शेयर मार्केट में पैसे लगाने के बाद घाटे के चलते सरकारी डॉक्टर ने आत्महत्या करके जीवन लीला समाप्त कर ली। डॉक्टर ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें आत्महत्या के लिए खुद को जिम्मेदार बताया है। डॉक्टर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (Health Minister Prabhuram Choudhary) के दोस्त भी बताए जा रहे हैं। वर्तमान समय में डॉक्टर राकेश मनहर संविदा नियुक्ति पर संजीवनी क्लिनिक (Sanjeevani Clinic) में तैनात थे।

शहर के गौतम नगर थाना इलाके के नारियलखेड़ा में रहने वाले एमबीबीएस डाक्टर ने मंगलवार देर रात अपने घर में फांसी लगा ली। फिलहाल वह संजीवनी क्लीनिक में सेवाएं दे रहे थे। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है। उसमें लिखा है कि मैं आर्थिक, मानसिक रूप से विफल होने के कारण इस तरह का कदम उठा रहा हूं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

गौतम नगर थाना प्रभारी सौरभ पांडे ने बताया कि डा. राकेश मनहर पुत्र स्व. रायसिंह (56), मकान नंबर 24, पुराना नारियलखेड़ा में संयुक्त परिवार में रहते थे। वह शासकीय संजीवनी क्लीनिक में अपनी सेवाएं दे रहे थे मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब पौने दो बजे छोटे भाई मुकेश मनहर ने उन्‍हें फांसी पर लटके देखा। उन्होंने गमछे से फंदा बनाकर फांसी लगा ली थी। फंदे से उतारकर राकेश को अस्पताल ले जाया गया। वहां चेक करने के बाद डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है कि डॉ. राकेश ने किसी व्यक्ति के माध्यम से शेयर मार्केट में काफी रुपयों का निवेश किया था, लेकिन उसमें उन्हें काफी घाटा उठाना पड़ा था। इसके बाद से वह अवसाद में चले गए थे।

जानिए डॉक्टर ने सुसाइड नोट में क्या लिखा था 

पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट बरामद किया है। उसमें भी आर्थिक परेशानी का जिक्र है। लिखा है कि लगातार नुकसान के कारण आर्थिक रूप से टूट चुका हूं। जीवन-यापन करने में भी परेशानी होने लगी है। अपनी मौत के लिए भी उन्होंने स्वयं को जिम्मेदार बताया है। साथ ही इस मामले में स्वजनों को परेशान नहीं करने की भी बात लिखी है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर किसी ने डा. राकेश के साथ धोखाधड़ी तो नहीं की। अभी इस मामले में डा. राकेश के स्वजनों के बयान नहीं लिए जा सके हैं।