बिलासपुर. रेलवे कर्मचारियों को कर्ज देकर करोड़ों रुपए सूदखोरी करने वाले आरोपी की पुलिस ने गिरफ्तारी की है. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से जालसाजी के कागजात जब्त किए हैं, जिसमें न्यायालय का सील मोहर लगा है. इसी फर्जी मोहर से आरोपी रेलवे कर्मचारियों का पेमेंट प्राप्त करता था. पुलिस जांच में कई खुलासे हुए हैं. सूदखोर ने करीब 4 सौ लोगों को कर्ज दे रखा है. इन सभी कर्जदारों से आरोपी ने लगभग 11 करोड़ रुपए वसूल चुका है.

पुलिस ने बताया कि सीएसपी कोतवाली को तारक्लेन टोपनो (51) जो कि प्रधान कार्यालय कार्मिक विभाग, दक्षिण पूर्वी मंडल में अधीक्षक के पद पर कार्यरत है तथा अन्य 30  व्यक्तियों का शिकायत आवेदन प्राप्त हुआ, जिसमें उनके द्वारा टिकरपारा दयालबंद निवासी सचिन गोरख उर्फ बबलू (40 ) से अलग-अलग कारण से रकम ब्याज में लिये. आरोपी सचिन गोरख कर्ज देते समय सुरक्षा के लिये कोरे कागजों एवं वकालतनामा आदि में हस्ताक्षर कराकर अपने पास रख लिया था.

शिकायतकर्ता तथा अन्य लोगों के द्वारा आरोपी से ब्याज में ली गई मूल राशि एवं ब्याज सहित रकम वापस कर देने के बावजूद भी उन्हें अचानक न्यायालय से वेतन कटौती का आदेश मिला. इस जानकारी के बाद उसने आरोपी से संपर्क किया, जिस पर आरोपी ने उन्हें धमकाया कि ये न्यायालय का आदेश है. गड़बड़ी करोगे तो सीधे नौकरी चली जाएगी. धमकी से शिकायतकर्ता एवं अन्य पीड़ित नौकरी चले जाने के डर से चुप बैठे रहे, लेकिन बाद में कटौती के कई आदेश आए. उन्हें शंका हुआ कि उनकी अनुपस्थिति में न्यायालय में आरोपी के द्वारा रकम वसूली का एकपक्षीय प्रकरण चालबाजी कर कर्जा देते समय उनसे कोरे कागजात में हस्ताक्षर कराये गए.

पुलिस को पता चला कि आरोपी ने करीब 300-400 लोगों जो कि रेलवे तथा अन्य विभाग के कर्मचारी हैं, उनको बहुत बड़ी मात्रा में ब्याज में रकम दिया है. उक्त दिये गये रकम के एवज में दी गई रकम से अधिक बड़ी रकम ब्याज के रूप में वसूल किया गया. अनुमान के अनुसार करीब 10 करोड़ के आसपास होना बताया गया. जिसके संबंध में शिकायत मिलने पर सारे कागजात आरोपी की निशानदेही पर पुलिस के द्वारा जांच के लिए जब्त किया गया. जांच पर शिकायत की पुष्टि होने पर आरोपी के विरूद्ध थाना कोतवाली में अपराध पंजीबद्ध किया गया.

आरोपी के पास से प्राप्त दस्तावेजों में न्यायालय का सील मोहर पदनाम सहित संबंधी दस्तावेज भी प्राप्त हुआ है तथा न्यायालय का सील मोहर लगा हुआ कोरा दस्जावेज जिसमें अन्य व्यक्तियों के हस्ताक्षर हैं प्राप्त हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है. अभी तक की जांच एवं विवेचना के अनुसार आरोपी के द्वारा 31 रेलवे कर्मचारियों से लगभग 1 करोड़ रुपए ब्याज में वसूली किया जा रहा है एवं अन्य लगभग 300-350 कर्मचारियों से भी आरोपी के द्वारा लगभग 10 करोड रुपए वसूलने के संबंध में भी जानकारी प्राप्त हुआ है. जिसके संबंध में भी जांच किया जा रहा है.