मस्तूरी. स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राज्य सरकार गंभीर नजर आ रही है. लेकिन नगर पंचायत मल्हार में पदस्थ अस्पताल में कर्मचारी ही बदनाम करने में तुले हैं. लगातार मरीजों के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है. आलम यह है कि इलाज के लिए पहुंची गर्भवती महिला को ये कह दिया गया कि इंतजार करना है तो करो नहीं तो कहीं और जाकर इलाज करवाओ. डॉक्टरों की मनमानी इस कदर बढ़ चुकी है कि, इलाज के लिए आए लोगों को दर-दर की ठोकरे खाना पड़ रहा है.
दरअसल, सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ असंवेदनशील व्यवहार होना आम बात हो गई है. डॉक्टर अपनी मर्जी के मालिक हो चुके हैं. ऐसे में एक बार फिर एक मामला सामने आया है, जहां अस्पताल में सुबह 8: 30 बजे मितानिनी गर्भवती महिला को लेकर गई, लेकिन डॉक्टर ने महिला का हाल जाने बगैर 12 बजे आने की नसीहत दे डाली.
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सूत्रों की माने तो ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी मरीजों से दुर्व्यवहार करने की शिकायत भी मिल चुकी है. साथ ही गर्भवती महिलाओं का डिलीवरी के बाद पैसा लेना भी आम बात हो गई है. जबकि अस्पताल में डिलीवरी कराने का कोई चार्ज नहीं लगता. जिससे इलाज के लिए आए मरीजों की समस्या के साथ दो-चार होना आम बात हो गई है.
वहीं 14 नम्बर वार्ड की गर्भवती महिला ने बताया कि, उसे कुछ परेशानी हुई. जिस पर मितानिन ने उसे मल्हार स्थित स्वास्थ्य केंद्र ले गई. जहां डॉक्टर ने तो इंतजार करने कहा. इस मामले में ब्लॉक खण्ड चिकित्सक अधिकारी नन्द राज कवर का कहना है कि, मेरे संज्ञान में शिकायत नहीं आई है. मामले की जानकारी लेकर जांच करवाता हूं.
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