लखनऊ. पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है. मीडिया का काम सरकार और समाज को आइना दिखाने का है. यूपी सरकार ने अब आलोचना करने वाले अखबारों पर कड़ी नजर रखने की योजना बना ली है.

यूपी की योगी सरकार ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्रों में दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली “नकारात्मक खबरों” की जांच करने और मॉनिटरिंग के लिए इसका विवरण ऑनलाइन एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) पर अपलोड करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय प्रसाद ने पत्र जारी किया है. पत्र में, प्रसाद ने कहा कि “नकारात्मक समाचार” में तथ्यों की तुरंत जांच करना आवश्यक है, क्योंकि ये चीजें सरकार की छवि को खराब करती हैं.

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पत्र में कहा गया है कि अगर यह जानकारी मिलती है कि सरकार या जिला प्रशासन की छवि को बदनाम करने के लिए किसी विशिष्ट घटना को ”तोड़-मरोड़कर या भ्रामक तथ्यों” के साथ प्रस्तुत किया गया है, तो संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को संबंधित मीडिया समूह के प्रबंधन को लिखना चाहिए, ताकि  स्थिति स्पष्ट की जा सके.

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