दिल्ली. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार हर इंसान का आधार कार्ड बनाकर सभी योजनाओं से आधार को लिंक करने के काम में जोर-शोर से जुटी है. अब केंद्र सरकार इंसानों के बाद जानवरों का आधार कार्ड बनाने की तैयारी कर रही है.
सुनकर थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन है सच. मोदी सरकार अब जानवरों का भी आधार कार्ड बनाने की तैयारी कर रही है. ये आधार कार्ड भी 12 अंकों का होगा और इसमें जानवरों से जुड़ी सारी डिटेल होंगी. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने दुधारु पशुओं के डाटा को इकट्ठा करने के मकसद से पशु संजीवनी कार्यक्रम की घोषणा की थी. 2016 में सरकार ने ऐलान किया था इस योजना के लिए बकायदा 50 करोड़ रुपये का बजट रखा जाएगा.
देश के 85 लाख दुधारू जानवरों की सुरक्षा औऱ उनसे जुड़े आंकड़ों को इकट्ठा करने के मकसद से सरकार अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है. इसमें जानवरों की उत्पादकता को बढ़ाने, उन्हें बीमारियों से बचाने औऱ जानवरों की नस्लों को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएंगे. सरकार का मानना है कि जानवरों के आधार कार्ड बनने से उनसे जुड़ी सारी जानकारी सरकार को मिल जाएगी.
सरकार ने इसके लिए इस साल बकायदा 50 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा है. जिसे जरूरत के मुताबिक बढ़ाया जा सकेगा. सरकार जानवरों के यूनिक आइडेंटिटी के तहत देश के सभी दुधारू जानवरों का डाटा अपने पास इकट्ठा रखेगी. अगर जानवरों को किसी किस्म की दिक्कत या बीमारी होती है तो उनका इलाज करके सरकार उन्हें स्वस्थ करने में मदद करने के साथ उनके जीवनकाल को बढ़ाने के साथ दुधारु पशुओं की नस्लों की बेहतरी के लिए भी काम करेगी.
इसमें जानवरों की नस्ल, सेक्स, हाइट, शरीर पर अगर किसी किस्म का विशेष आइटेंटिटी मार्क है तो उसे भी विवरण में दर्ज किया जाएगा. खास बात ये है कि जानवरों से संबंधित ये डिटेल एकदम आधार कार्ड की तर्ज पर ही होंगे. वित्त मंत्री ने इस बजट में भी कहा है कि उनका मकसद 2022 तक सभी किसानों की आय को दुगुना करना है. जिसके लिए ही सरकार किसानों के पशुओं खासकर दुधारु पशुओं की देखभाल के लिए उनका केंद्रीयकृत डाटा इकट्ठा करने के काम में जुट गई है.