मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा की. इस दौरान मुख्य सचिव ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की ओर से प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी ली और चल रहे कार्यो एवं आगामी योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली. मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन प्रदेश की बैकबोन है.

मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा और धार्मिक पर्यटन के साथ ही अन्य पर्यटन स्थलों को भी विकसित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू करते हुए हितधारकों से भी संवाद किया जाए. उन्होंने कहा कि टिहरी झील रिंग रोड परियोजना का सतत् और समावेशी प्लान तैयार किया जाए, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले एवं रोजगार भी उत्पन्न हो.
इसे भी पढ़ें : सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल : डीजीपी समेत अधिकारियों ने की मॉनिटरिंग, व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का दिया निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में क्वॉलिटी टूरिज्म पर भी फोकस किए जाने की आवश्यकता है. इसके लिए साहसिक पर्यटन, ट्रैकिंग और अन्य गतिविधियों को बढ़ाए जाने के लिए योजनाएं तैयार की जाएं. सभी योजनाओं को निर्धारित समय पर पूर्ण करने के लिए कैलेंडर तैयार किया जाए. सीएस ने मानसखण्ड मंदिर माला के प्रथम चरण के कार्यो को शीघ्र पूर्ण कराने के भी निर्देश दिए.
मुख्य सचिव ने संस्कृति विभाग की समीक्षा के दौरान एक राज्य स्तरीय संग्रहालय बनाए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश की लोककलाओं एवं लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने प्रदेश के अभिलेखागारों को अपग्रेड करते हुए उनका डिजिटाईजेशन किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने देहरादून स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र का वार्षिक कैलेण्डर तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित लोक गीत, लोक नृत्य, लोक नाटकों के वास्तविक रूप को जीवन्त रखने के लिए नाट्य शिविरों के आयोजन के साथ ही रंगमंडलों की स्थापना की जाए. सीएस ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक दलों के गठन किए जाने के भी निर्देश दिए.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें