रायपुर। राजभवन के सामने अंग्रेजों के जमाने में यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्दर्न इंडिया ट्रस्ट को आवंटित करीब 6 एकड़ जमीन अब राज्य शासन अपने कब्जे में ले रहा है. संपत्ति का व्यावसायिक इस्तेमाल किए जाने की वजह से लीज अवधि खत्म होने के बाद संभागायुक्त ने रायपुर कलेक्टर को आदेश जारी किया है. इस आदेश के जरिए सिविल लाइन में गॉस मेमोरियल और बाबर बंगला के नाम से चर्चित कीमती प्रापर्टी राज्य सरकार को मिल जाएगी.

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दरअसल, व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर विवाद चल रहा था. कुछ संगठनों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोला था, और आठ सालों से इस पर शासन के सामने मामला लंबित था. राज्य शासन का आदेश आने के बाद स्थानीय प्रशासन ने बाबर बंगले में बाउंड्रीवाल कर उसे अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी.

गॉस मेमोरियल मैदान ऐतिहासिक होने के साथ रायपुर के बच्चों और युवाओं के लिए अहम रहा है. यह मैदान बच्चों और युवाओं के लिए उनकी खेल प्रतिभाओं को निखारने का स्थान रहा है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस मैदान में हो रही व्यावसायिक गतिविधियों ने बच्चों और युवाओं से उनका खेल मैदान छीन लिया.

यहां पर सालभर फन वर्ल्ड, प्रदर्शनी और अन्य तरह के आयोजन होने लगे थे, जिसकी वजह से मैदान हर समय बुक रहता था. इन सबके बाद हिंदू स्वाभिमान संगठन की प्रदेश अध्यक्ष विश्वदिनी पांडे, सचिव श्याम चावला, उपाध्यक्ष नीलम सिंह सहित संगठन के पदाधिकारियों ने 2017 में रायपुर संभागायुक्त से जमीन के व्यावसायिक उपयोग को लेकर शिकायत की थी. इसके साथ आवंटित जमीन को अपने कब्जे में लेने का सुझाव दिया था.

आम जनता के हित में होगा उपयोग : महापौर

महापौर मीनल चौबे ने कहा कि राज्य शासन के आदेश के बाद चर्च को दी गई करीब छह एकड़ जमीन अब नगर निगम को मिलने जा रही है. यह जमीन आम लोगों की है. आम शहरवासियों के की यूटिलिटी से संबंधित चीजों भी यहां की जा सकती है. इस संबंध में हम टाउन प्लानर्स से भी चर्चा करेंगे. अभी सिटी मॉडल प्लान पर हमारे आर्किटेक्ट और टाउन प्लानर्स सर्वे कर रहे हैं. उधर, जमीन वापस लेने का शासन का आदेश आने के बाद चर्च के पदाधिकारी नितिन लोरे ने कहा कि हम इस अवैधानिक कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट से स्टे लाने का प्रयास कर रहे हैं.