कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में मटर के सही दाम न मिलने पर किसानों का आंदोलन खत्म हो गया। मगर इस दौरान आंदोलन खत्म करने के लिए किसानों को 700 रुपए प्रति क्विंटल मुआवजे का आश्वासन देना मंडी सचिव को महंगा पड़ गया। सरकार ने मंडी सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब मांगा है। साथ ही संतोषजनक जवाब न देने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। 

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मंडी सचिव को जारी नोटिस में लिखा गया है कि मंडी में किसानों के साथ वाद-विवाद की स्थिति से अवगत नहीं कराया गया। साथ ही मंडी समिति ने किस अधिकार से 700 रुपए की दर से मुआवजा राशि प्रस्तावित की ?  इस संबंध में 7 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब दिया जाए।अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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बता दें कि जबलपुर मंडी में बड़ी संख्या में किसान मटर के साथ बिक्री करने पहुंचे थे। मगर किसानों से मटर की सही कीमत न मिलने का विरोध करते हुए आंदोलन करना शुरू कर दिया। जिसके बाद मंडी के बाहर सड़कों पर कई किलोमीटर दूर तक जाम लग गया। इस वजह से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। 

वहीं किसानों ने मंडी के दोनों गेट पर ताला भी जड़ दिया। जिससे कई अन्य सब्जियां मंडी नहीं पहुंच पाई। और सभी मंडी के अंदर प्रवेश करने से पहले ही सड़ गई। वहीं किसानों के मटर भी बड़ी तादात में खराब हो गए। जिसके बाद मंडी समिति ने किसानों को 700 रुपए मुआवजा देने का आश्वासन दिया था जिसके बाद आखिरकार आंदोलन खत्म हो सका।  

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