जी हां सही पढ़ा आपने… अब महिलाओं को सरकारी नौकरी तभी करने की इजाजत दी जाएगी जब वे No Makeup Bond को अपनाती है, सिर्फ मेकअप ही नहीं उन्हें दफ्तर में टाइट कपड़े पहन के आने पर भी पाबंदी रहेगी. मध्य एशिया में सोवियत संघ का हिस्सा रहे तुर्कमेनिस्तान अब ऐसे ही कट्टरपंथ की तरफ बढ़ रहा हैं.
तुर्कमेनिस्तान में महिलाओं के पहनावे और कॉस्मेटिक्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसके लिए वहां की सरकार ने सभी ब्यूटी सैलून बंद कर ब्यूटी सर्विस पर भी प्रतिबंध लगाया है. महिलाओं के किसी संस्थान में प्रवेश से पहले उनके पहनावे की जांच की जा रही है. प्रतिबंध का पालन करने के लिए मॉरल पुलिस तैनात कर दी गई है.
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महिलाओं को नौकरी देने से पहले कॉस्मेटिक्स का उपयोग नहीं करेंगी, बालों में कलर नहीं करेंगी. मेनिक्योर करना बंद कर देंगी. बोटोक्स जैसे इंजेक्शन लेने से बचेंगी. और सिर्फ तुर्कमेनिस्तान का परंपरागत ‘बालाक’ (एक ही कलर का सिल्की पेंट की तरह दिखने वाला सूट) पहनेगी इसके बाद ही उन्हें एंट्री दी जाएगी. इस तरह का बॉन्ड भरवाया जाता है. ड्रेस कोड नहीं पहनने वाली महिलाओं को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन जाना पड़ता है.
तुर्कमेनिस्तान के संविधान की धारा 16 के सब कानून संख्या 264 वीं में समानता का अधिकार दिया गया है, इसमें महिलाओं को सरकार के मामले के प्रबंधन में भाग लेने के समान अधिकार है. फिर भी पुलिस के लिए महिलाओं के पहनावे को प्राथमिक विषय बना दिया गया है.
नियमों का पालन नहीं करने वाली महिलाओं को सरकारी नौकरी से निकाल दिया जाएगा, तुर्कमेनिस्तान की महिलाएं इस तरह के कठिन प्रतिबंधों का पालन करने के लिए मजबूर है, क्योंकि इसका विरोध भी नहीं कर सकती हैं. ऐसा करने पर उन्हें समाज के प्रति जिम्मेदार नहीं माना जाएगा और नौकरी नहीं दी जाएगी. उन्हें देशद्रोही भी बनाया जा सकता है.
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