रायपुर। छत्तीसगढ़ के किसानों को भूपेश सरकार ने राहत दी है. सरकार ने किसानों के हित में फैसले हुए यह आदेश जारी किया है कि इस वर्ष याने खरीफ विपणन वर्ष-2020-21 के लिए किसानों को पंजीयन कराने की जरूरत नहीं है. बीते वर्ष के पंजीयन को ही सरकार ने इस वर्ष अग्रेषित कर दिया है. सरकार के इस फैसले छत्तीसगढ़ किसानों को पंजीयन के झंझट से एक तरह से मुक्ति मिल गई है.
राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया है कि विगत खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए पंजीकृत माना जाए एवं इसके लिए विगत खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि एवं धान के रकबे एवं खसरे को राजस्व विभाग के माध्यम से अद्यतन करा लिया जावे. वहीं इसकी जानकारी किसानों को देने को भी कहा गया है.
आदेश में यह भी कहा गया है कि किन्तु यदि पूर्व में पंजीकृत किसान किसी कारण से पंजीयन में संशोधन करवाना चाहते हैं, तो समिति मॉडयूल के माध्यम से यह संशोधन करने की व्यवस्था प्रदान की जाएगी. खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसान की दर्ज भूमि एवं धान के रकबे एवं खसरे की जानकारी की सूची समिति सॉफ्टवेयर से प्रिंट कर समिति द्वारा संबंधित क्षेत्र के पटवारी को दी जाएगी.
17 अगस्त से होगा प्रारंभ
गत खरीफ वर्ष 2019-20 में जिन किसानों ने पंजीयन नहीं कराया था किन्तु इस वर्ष जो धान विक्रय करने के इच्छुक है ऐसे नवीन किसानों का पंजीयन तहसील मॉडयूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाएगा. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में नवीन कृषकों का पंजीयन 17 अगस्त से 31 अक्टूबर 2020 तक किया जाएगा। नए पंजीयन के लिए किसानों को संबंधित दस्तावेजों के साथ आवेदन तहसील कार्यालय में जमा करना होगा.
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा मंत्रालय महानदी भवन से राज्य के सभी संभागायुक्त, सभी कलेक्टरों, पंजीयक सहकारी संस्थाएं एवं प्रबंध संचालक नवा रायपुर को भेजे गए पत्र में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि एवं धान के रकबे एवं खसरे की जानकारी की सूची समिति के साफ्टवेयर से प्रिंट कर समिति द्वारा संबंधित क्षेत्र के पटवारी को उपलब्ध कराने कहा गया है. सूची में अंकित जानकारी का पटवारी द्वारा राजस्व रिकार्ड के आधार पर सत्यापन किया जाएगा. पटवारी द्वारा सत्यापन पश्चात् सूची अद्यतन कर समिति को वापस उपलब्ध कराई जाएगी. समिति द्वारा पटवारी से प्राप्त सत्यापित अद्यतन सूची के आधार पर डाटा एन्ट्री की जाएगी। डाटा एन्ट्री के पश्चात् अंतिम सूची समिति द्वारा प्रिंट किया जाएगा.
रकबा एवं खसरा का सत्यापन कार्य राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों की निगरानी में किया जाएगा. प्रदेश के उद्यानिकी तथा धान से पृथक अन्य फसलों के रकबों को किसी भी स्थिति में धान के रकबे के रूप में पंजीयन नहीं होगा. छत्तीसगढ़ में गन्ना, सोयाबीन, मक्का, सब्जियां, फल-फूल आदि अन्य फसलें खरीफ सीजन के दौरान उगाई जाती हैं. इसके अलावा अतिरिक्त खसरे में अंकित रकबे से अनुपयोगी बंजर भूमि, पड़त भूमि, निकटवर्ती नदी-नालों की भूमि, निजी तालाब, डबरी की भूमि, कृषि उपयोग हेतु बनाए गए कच्चे-पक्के शेड आदि की भूमि को पंजीयन में से कम किया जाएगा. किसान पंजीयन का कार्य राजस्व दस्तावेज के अनुसार किया जाता है. अतः गिरदावरी का काम राजस्व विभाग द्वारा समय पर कर पंजीयन के लिए डेटा उपलब्ध कराया जाएगा। गिरदावरी कार्य के समय प्रत्येक कृषक से आधार एवं मोबाइल नंबर प्राप्त करने का प्रयास किया जाए.