नई दिल्ली . देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने संशोधित दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए है.
संशोधित दिशा-निर्देश में कहा गया है कि एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल तब तक नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि जीवाणु संक्रमण का संदेह न हो. इसमें कहा गया कि कोविड-19 के साथ अन्य स्थानिक संक्रमणों पर भी विचार किया जाना चाहिए. हल्की बीमारी में प्रणालीगत कॉर्टिकोस्टेरॉयड (फेफड़े से संबंधित उपचार) नहीं दिया जाता है. संशोधित दिशा-निर्देश के अनुसार, शारीरिक दूरी, मास्क का उपयोग, हाथों की स्वच्छता, तापमान की निगरानी और ऑक्सीजन परिपूर्णता का ध्यान रखा जाना चाहिए और चिकित्सक के संपर्क में रहना चाहिए. जनवरी में जारी किए गए दिशा-निर्देश में मंत्रालय ने कहा था कि अगर किसी को सांस लेने में तकलीफ हो, तेज बुखार तथा खास तौर पर पांच दिनों से अधिक समय से सर्दी- जुकाम हो, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए.
यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि सभी स्तरों पर संपूर्ण कोविड बुनियादी ढांचा, उपकरण, प्रक्रियाओं और मानव संसाधन के मामले में तैयारियों के उच्च स्तर बने रहे. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को बताया गया कि दवाओं, टीकों और अस्पताल के बेड के संबंध में पर्याप्त उपलब्धता है. उन्होंने आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और कीमतों की नियमित निगरानी करने की सलाह दी है.