केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों को आसान और कारगर बनाने के लिए चार श्रम संहिताओं को लागू आज से लागू कर दिया है. ये चार श्रम संहिता देश के श्रमबल के लिए बेहतर वेतन, रक्षा, सामाजिक सुरक्षा और बेहतर कल्याण जैसे बड़े बदलाव की शुरूआत है. इसके लागू होने से कई बदलाव होंगे. जिसमें कामगारों को समय पर भुगतान, ओवर टाइम का कम से कम दोगुना भुगतान करना अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा कई तरह के बदलाव इन संहिताओं के लागू होने से संस्थानों को करने होंगे. ये नियम हर क्षेत्र में लागू होंगे. इसके लिए सीएम योगी ने पीएम मोदी का आभार जताया है.
सीएम ने एक्स पर एक पोस्ट साझा कर लिखा है कि ‘देश के करोड़ों श्रमिकों के हित, सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करते हुए चारों श्रम संहिताओं को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री आपका हार्दिक आभार. यह ऐतिहासिक निर्णय श्रमिकों को बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा, सुरक्षित कार्य परिस्थितियां और समान अवसर प्रदान करते हुए उन्हें और अधिक सशक्त बनाएगा. साथ ही यह निवेश, उत्पादकता और रोजगार सृजन को नई गति देकर ‘विकसित भारत’ की यात्रा को और तेज करेगा. श्रमेव जयते भाव को जीवंत करता यह निर्णय श्रमिक-सशक्तिकरण, आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प का सशक्त प्रतीक है.’
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चार श्रम संहिताओं के तहत ये नियम होंगे लागू
महिला कर्मचारी
समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित किया गया है.
महिलाओं को नाइट शिफ्ट और सभी तरह के काम (भूमिगत खनन और भारी मशीनरी सहित) करने की इजाजत है, बशर्ते उनकी सहमति हो और सुरक्षा के जरूरी उपाय किए गए हों.
शिकायत निवारण समितियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य किया गया.
महिला कर्मचारियों के परिवार परिभाषा में सास-ससुर को जोड़ने का प्रावधान, डिपेंडेंट कवरेज को बढ़ाना और इनक्लूसिविटी पक्का करना.
ऑडियो-विजुअल और डिजिटल मीडिया कामगार
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों, डबिंग आर्टिस्ट और स्टंट पर्सन समेत डिजिटल और ऑडियो-विजुअल कामगारों को अब पूरा फायदा मिलेगा.
सभी कामगारों के लिए नियुक्तिपत्र अनिवार्य- जिसमें उनका पदनाम, वेतन और सामाजिक सुरक्षा के अधिकार साफ-साफ लिखे हों.
समय पर वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया गया है.
ओवरटाइम तय घंटों से ज्यादा काम, सहमति से होगा और सामान्य मजदूरी से कम-से-कम दोगुना मिलेगा.
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आईटी और आईटीईएस कर्मचारी
हर महीने की 7 तारीख तक वेतन का भुगतान अनिवार्य. पारदर्शिता और पक्का भरोसा.
समान काम के लिए समान वेतन अनिवार्य किया गया, महिलाओं की भागीदारी को मजबूत किया गया है.
महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की सुविधा – महिलाओं को ज्यादा वेतन पाने का अवसर.
परेशानी, भेदभाव और वेतन से जुड़े विवादों का समय पर समाधान.
फिक्स्ड-टर्म एम्प्लॉयमेंट और अनिवार्य नियुक्ति पत्र के जरिए सामाजिक सुरक्षा लाभ की गारंटी.
इसके अलावा हर क्षेत्र के लिए नियम लागू किया गया है.
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