दिल्ली. अमेरिकी अखबार के लिए काम वाले मशहूर पत्रकार जमाल खाशोगी को सऊदी अरब के शाही परिवार की आलोचना करना महंगी पड़ गई. तुर्की पुलिस का कहना है कि इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में लापता पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या कर उनके शव के टुकड़े -टुकड़े कर दिए गए.
तुर्की पुलिस ने बताया कि पत्रकार को टॉर्चर किया गया और फिर हत्या कर दी गई, इसके बाद उनके शव के टुकड़े किए गए. पुलिस की ओर से अब तक कोई सबूत पेश नहीं किया गया है. वहीं, सऊदी अरब ने आरोपों को झूठ बताया है. जानकारी के अनुसार अप्वाइंटमेंट मिलने के बाद जमाल खाशोगी कुछ कागजात लेने के लिए मंगलवार को इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में गए थे. इसके बाद उनके बारे में कुछ पता नहीं चला जबकि उनकी गर्लफ्रेंड दूतावास के बाहर उनका इंतजार कर रही थी.
दरअसल 59 साल के जमाल अमेरिका में रहकर वाशिंगटन पोस्ट के लिए लिखा करते थे और दूतावास में तलाक से संबंधित कागजात लेने गए थे और अपनी नई शादी की तैयारी कर रहे थे. जमाल सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की नीतियों के सख्त आलोचनक रहे हैं.
एक पुलिस सूत्र ने बताया है कि दूतावास के अंदर सबकुछ फिल्माया गया और टेप देश के बाहर भेज दिया गया, ताकि साबित किया जा सके कि मिशन पूरा हो गया. पुलिस ने कहा कि इससे पहले मंगलवार को दो फ्लाइट से सऊदी अरब के अधिकारियों सहित 15 लोग इस्तांबुल पहुंचे थे. वे उसी वक्त दूतावास में थे, जब जमाल भी वहां थे. उधर, सऊदी के कौंसुल जनरल मोहम्मद अल ओतैबी ने पुलिस के दावों का खंडन करते हुए कहा है कि जमाल को तलाश करने का प्रयास किया जा रहा है और वे न तो सऊदी अरब में हैं और न ही सऊदी दूतावास में. इस मामले को लेकर वॉशिंगटन पोस्ट में कहा गया है कि अमेरिका को पत्रकार जमाल खाशोगी के लापता होने और कथित रूप से उनकी हत्या के बारे में सऊदी अरब से जवाब मांगना चाहिए. यही नहीं, अगर सहयोग नहीं मिलता है तो सऊदी अरब को इसकी सजा भी मिलनी चाहिए.
दिल्ली. अमेरिकी अखबार के लिए काम वाले मशहूर पत्रकार जमाल खाशोगी को सऊदी अरब के शाही परिवार की आलोचना करना महंगी पड़ गई. तुर्की पुलिस का कहना है कि इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में लापता पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या कर उनके शव के टुकड़े -टुकड़े कर दिए गए.
तुर्की पुलिस ने बताया कि पत्रकार को टॉर्चर किया गया और फिर हत्या कर दी गई, इसके बाद उनके शव के टुकड़े किए गए. पुलिस की ओर से अब तक कोई सबूत पेश नहीं किया गया है. वहीं, सऊदी अरब ने आरोपों को झूठ बताया है. जानकारी के अनुसार अप्वाइंटमेंट मिलने के बाद जमाल खाशोगी कुछ कागजात लेने के लिए मंगलवार को इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में गए थे. इसके बाद उनके बारे में कुछ पता नहीं चला जबकि उनकी गर्लफ्रेंड दूतावास के बाहर उनका इंतजार कर रही थी.
दरअसल 59 साल के जमाल अमेरिका में रहकर वाशिंगटन पोस्ट के लिए लिखा करते थे और दूतावास में तलाक से संबंधित कागजात लेने गए थे और अपनी नई शादी की तैयारी कर रहे थे. जमाल सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की नीतियों के सख्त आलोचनक रहे हैं.
एक पुलिस सूत्र ने बताया है कि दूतावास के अंदर सबकुछ फिल्माया गया और टेप देश के बाहर भेज दिया गया, ताकि साबित किया जा सके कि मिशन पूरा हो गया. पुलिस ने कहा कि इससे पहले मंगलवार को दो फ्लाइट से सऊदी अरब के अधिकारियों सहित 15 लोग इस्तांबुल पहुंचे थे. वे उसी वक्त दूतावास में थे, जब जमाल भी वहां थे. उधर, सऊदी के कौंसुल जनरल मोहम्मद अल ओतैबी ने पुलिस के दावों का खंडन करते हुए कहा है कि जमाल को तलाश करने का प्रयास किया जा रहा है और वे न तो सऊदी अरब में हैं और न ही सऊदी दूतावास में. इस मामले को लेकर वॉशिंगटन पोस्ट में कहा गया है कि अमेरिका को पत्रकार जमाल खाशोगी के लापता होने और कथित रूप से उनकी हत्या के बारे में सऊदी अरब से जवाब मांगना चाहिए. यही नहीं, अगर सहयोग नहीं मिलता है तो सऊदी अरब को इसकी सजा भी मिलनी चाहिए.