पुरूषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। गिरदावरी में रकबा कटौती के बाद अब किसानों पर एक और मुसीबत थोपा जा रहा है. धान बेचने 50 फीसदी बारदाना स्वयं का देना पड़ेगा. इस आदेश के पहले बाजार में बारदाने की कीमत 15 रुपए थी, जो अब 30 रुपए हो गई है. कारोबारियों ने एकदम से दाम दोगुनी कर दी है. वहीं किसान दोगुनी दर पर खरीदी करने मजबूर है. वहीं 30 रुपए में खरीदे बारदाने का केवल 7 रुपए 32 पैसे ही शासन भुगतान करेगी. अकेले देवभोग तहसील में किसानों को 75 लाख का चपत लगेगा. जिले भर का आंकड़ा करोड़ों में जाएगा.
बारदाने की किल्लत को देखते हुए शासन ने दो दिन पहले धान ख़रीदी को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं. जिसके मुताबिक, किसानों को अब कुल मात्रा की आधी फीसदी बारदाना स्वयं का लाना होगा. सोमवार से खरीदी केंद्रों में यह नियम लागू हो चुका है. नियम के लागू होते ही बारदाने कारोबार से जुड़े लोगों ने 15 रुपये के बारदाने को 30 रुपये कर दिया है. 30 रुपये में खरीदे गए इस बारदाने के एवज में महज 7 रुपये 32 पैसे ही भुगतान होगा. दर खरीदी सॉफ्टवेअर में लोड हो चुका है.
रिकार्ड के मुताबिक, अब तक 4332 किसानों ने धान नहीं बेचा है. तय खरीदी लक्ष्य में अब तक 3 लाख क्विंटल से भी ज्यादा धान की खरीदी होना शेष है. अगर 70 फीसदी भी खरीदी मान लिया जाए तो 2 लाख की क्विंटल धान बिक्री किसान करेंगे. इतने धान के लिए 10 लाख बारदाने की जरूरत होगी. जिसमें आधी मात्रा यानी 5 लाख बारदाना किसान को देना होगा. 5 लाख बारदाने खरीदी में 30 रुपये के दर पर किसानों को डेढ़ करोड़ पहले ही फंसाने होंगे. इसका भुगतान राशन स्तर पर 7 रुपये 32 पैसे के दर पर केवल 36 लाख उपयोग का देगी. बारदाना वापस नहीं हुआ तो निर्देश के मुताबिक, 15 रुपये के दर पर केवल 75 लाख का भुगतान करेगी. तब भी 75 लाख का चूना किसान को लगेगा.
एसडीएम आशीष अनुपम टोप्पो ने कहा कि, 7 रुपये 32 पैसे बारदाने के उपयोग के लिए है, अगर बारदाना वापस नहीं हुआ तो और अतिरिक्त 7 रुपये 86 पैसे दिए जाएंगे. खरीदी लक्ष्य 70 फीसदी भी हुआ तो, डेढ़ करोड़ के बारदाने लगाएगी. जिसके एवज में 36 लाख का भुगतान होगा. वहीं दोगुनी दर पर कारोबारियों द्वारा बारदाने बेचे जाने पर कहा कि यदि इसकी शिकायत आती है तो कार्रवाई की जाएगी.