लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी 1.59 लाख प्राइमरी स्कूल अगले साल 2021 तक आधारभूत सुविधाओं के लिहाज से महानगरों के कान्वेंट स्कूलों से टक्कर लेंगे। कायाकल्प अभियान के तहत अब तक 50 हजार से अधिक स्कूल कान्वेंट स्कूलों की बराबरी कर रहे हैं। बाकी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्तिपत्र वितरण समारोह में यह डेड लाइन तय कर दी।
उल्लेखनीय है कि सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जोर क्वालिटी एजुकेशन पर है। चूंकि प्राइमरी स्कूल शिक्षा और संस्कार की बुनियाद है, लिहाजा सर्वाधिक फोकस भी इसी पर है। प्राइमरी स्कूलों में बेहतर आधारभूत सुविधाएं हों इसके लिए सरकार जून 2018 से मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियोजित तरीके से मुहिम के तौर पर आपरेशन कायाकल्प चलाया जा रहा है। इसके लिए 14 पैरामीटर तय किये गये हैं। पहले चरण में सभी स्कूलों को 10 पैरामीटर्स पर संतृप्त किया जाएगा।
प्राइमरी पाठशालाएं संस्कारशाला भी होती हैं। इनमें ही बच्चों की वैचारिक बुनियाद तैयार होती है। आगे चलकर ये क्रमश: आदत में बदल जाती हैं। निर्भर करता है एक शिक्षक कैसे क्या बच्चों को पढ़ा रहा है। यहीं प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। अगर वह बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ अपने गौरवशाली इतिहास, परंपरा, संस्कृति को बताने के साथ उनमें देश प्रेम के जज्बे और जुनून का भाव जगाते हैं तो यह श्रेष्ठ और सशक्त भारत की ओर एक कदम होता है। इसके स्कूलों में जाे जरूरी माहौल है हम कायाकल्प के जरिए उसे देने का प्रयास कर रहे हैं।