रोहित कश्यप,मुंगेली. नगर में लाइब्रेरी की कमी को देखते हुए सरकारी टीचर सुधा वर्मा ने अभिनव पहल करते हुए निःशुल्क पुस्तकालय एवं वाचनालय की शुरुवात की है. जिसका उद्देश्य पढ़े लिखे बेरोजगारों को पढ़ने के लिए पुस्तक एवं जगह उपलब्ध कराना है. इसका लाभ भी अब लोग ले रहे है.
मुंगेली शहर से लगे सुरीघाट में शिक्षिका के पद पर पदस्थ सुधा शर्मा ने मुंगेली के कबीरवार्ड में सेंट्रल लाइब्रेरी की शुरुवात की है. जिसे चंद्र-माधव फाउंडेशन नामक संस्था संचालित कर रही है. इस संस्था के डायरेक्टर सुधा शर्मा है एवं उनके पति विजय शर्मा संस्थापक है. लाइब्रेरी में सभी विषयों की पुस्तकों का संग्रह है, धार्मिक ,साहित्यिक,सामाजिक, संगीत के अलावा कला एवं विज्ञान ,वाणिज्य की किताबें बच्चों से संबंधित पुस्तकों के अलावा लोकप्रिय समाचार पत्र भी निशुल्क पढ़ने के लिए उपलब्ध है.
इसके अलावा रोजगार से संबंधित अखबार भी यहाँ उपलब्ध है. जनवरी महीने से शुरू की गई यह पुस्तकालय का लाभ आसपास के बच्चे सहित विभिन्न किस्मों के पुस्तक पढ़ने वाले लोग ले रहे है. अपने घर को लाइब्रेरी जैसा रूप दे रखा है जहाँ रोजाना लोग आकर पढ़ते रहते है और इसका असर भी बच्चों में देखने को मिल रहा है.
नगर में पुस्तकालय की कमी को देखते हुए चन्द्र-माधव फाउंडेशन संस्था जो कि इन दोनों के पिता के नाम से संचालित किया जा रहा है. इसके संस्थापक विजय शर्मा एसबीआई बैंक में अधिकारी है जो अपनी पत्नी सुधा रानी शर्मा जो एक शासकीय शिक्षक है. दोनों ने मिलकर जिले की कमी को पूरा करने का प्रयास किया गया है. लाइब्रेरी के संचालक सुधा शर्मा बताती है कि पठन पाठन में रुचि रखने वाले लोग निःशुल्क इसका लाभ उठाये इसी उद्देश्य से स्वयं के वेतन की राशि से इस अभिनव पहल की शुरुवात की है साहित्य में रुचि रखने वाले शहर के कई लोगों ने इस लाइब्रेरी को पुस्तके दान में दी है.
आपको बता दें कि शिक्षिका सुधा शर्मा खेल खेल के माध्यम से बालमनोवैज्ञानिक तरीके से बच्चों को शिक्षित करती है. बच्चों के भविष्य को खुशहाल बनाने, एवं पढ़ाई में रुचि जागृत करने अक्सर नवीन प्रयोग करती है. इसके साथ ही शिक्षादान के अलावा छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रचार प्रसार में सक्रिय भूमिका रहती है. वहीं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में इनके लेख, कविता, कहानी विचार आते रहते है जो कि समाज को आगे बढ़ाने की दिशा में काफी प्रेरणादायक है. पुस्तकों को पढ़ने वाले लोगों की रुचि रखने वाले लोगों को एक नया पड़ाव मिला है. जिले में पुस्तकालय व वाचनालय की कमी को दूर करने का प्रयास वाकई में सराहनीय है.