दिल्ली। सरकारें अपने विरोधियों को निपटाने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकती हैं। अब आंध्र प्रदेश सरकार ने ऐसा कारनामा किया है जिसकी खूब चर्चा हो रही है। मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है।
दरअसल, राज्य की विपक्ष पार्टी तेलुगूदेशम पार्टी ने आरोप लगाया है कि सरकार डॉक्टर से बदला ले रही है क्योंकि उन्होंने राज्य सरकार पर सवाल उठाए थे। इन दिनों सोशल मीडिया पर डॉक्टर सुधाकर राव की पिटाई का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि एक पुलिस कॉन्स्टेबल उन्हें लात मारकर जमीन पर गिरा देता है। डॉक्टर सुधाकर को एक कॉन्स्टेबल बुरी तरह से पीट रहा था। इसके बाद उन्हें पकड़कर एक ऑटोरिक्शा में डालकर पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
डॉ. सुधाकर राव, आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले के नरसीपट्टनम क्षेत्रीय सरकारी हॉस्पिटल में बतौर एनेस्थियोलॉजिस्ट काम करते हैं। दो अप्रैल को नरसीपट्टनम में तीन कोरोना के केस सामने आए। इन लोगों को उसी हॉस्पिटल में लाया गया था जहां डॉ. सुधाकर काम करते थे। सुधाकर ने प्रोटेक्टिव गियर के अभाव की बात अधिकारियों से उठाई और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उनके आरोप लगाने पर अधिकारियों ने उन्हें मीटिंग से बाहर कर दिया था। उनकी टिप्पणी का वीडियो वायरल होते ही राज्य सरकार ने उनके आरोपों पर जांच के आदेश दे दिए और अनुशासनात्मक आधार पर डॉ. सुधाकर को सस्पेंड कर दिया। उसी के बाद से वो सरकार के निशाने पर थे। अब उनको पुलिस ने ये कहकर मेंटल हास्पिटल में भर्ती कराया है कि उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। विपक्ष सरकार की इस हरकत पर बेहद खफा है और सरकार को घेरने में जुट गया है।