नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर अपने फॉलोअर्स की लगातार गिरती संख्या से परेशान हैं, इसमें सच-झूठ क्या है, इस पर ट्विटर ने अपना बयान दे दिया है, लेकिन एक हकीकत यह भी है कि सरकार का ट्विटर पर शिकंजा दिनोंदिन कसता जा रहा है. इस मामले में भारत भी पीछे नहीं है, ट्विटर को कंटेट हटाने के लिए आदेशित करने वाले देशों में भारत दुनिया का पांचवां बड़ा देश है.

ट्विटर के अनुसार, दुनिया भर की सरकारों ने बीते साल जनवरी से जून के बीच उसके मंच से कॉन्टेंट को हटाने के लिए 43,387 बार कानूनी आदेश जारी किए. ऐसे देशों की सूची में भारत पांचवें नंबर पर रहा. वहीं छह महीनों की इस अवधि में इस तरह के निर्देश 1,96,878 खातों से कॉन्टेंट को हटाने के बारे में दिए गए.

ट्विटर ने बताया कि 2012 में जब से कंपनी ने अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट जारी करनी शुरू की तबसे ले कर अभी तक एक रिपोर्ट की अवधि में निशाना बनाए गए खातों की यह सबसे बड़ी संख्या है. यह अभी तक एक रिपोर्ट की अवधि में सरकार से मिले कॉन्टेंट हटाने के आदेशों की भी सबसे बड़ी संख्या है. इन निर्देशों में से 95 प्रतिशत निर्देश सिर्फ पांच देशों से आए. इनमें जापान पहले नंबर पर है और उसके बाद रूस, तुर्की, भारत और दक्षिण कोरिया का नंबर आता है.

ट्विटर में ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी और फिलांथ्रोपी के वाइस प्रेजिडेंट सिनेड मैकस्वीनी कहते हैं कि हमें अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पूरी दुनिया में सरकारों द्वारा हस्तक्षेप करने और कॉन्टेंट को हटवाने की कोशिशें बढ़ती जा रही हैं. उन्होंने कहा कि यह निजता और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए एक खतरा है, साथ ही एक ऐसी गंभीर चिंताजनक प्रवृत्ति है जिस पर हमें पूरा ध्यान देना चाहिए.

ट्विटर के डाटा के मुताबिक इन कानूनी निर्दोषों में चिन्हित किए गए खातों की संख्या में पिछले छह महीनों की अवधि के मुकाबले लगभग 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. पिछले छह महीनों में 1,31,933 खातों को लेकर ऐसे निर्देश मिले थे. ऐसे निर्देशों की संख्या भी पिछली अवधि के मुकाबले 14 प्रतिशत बढ़ गई. कंपनी ने कुछ महीनों पहले बताया था कि 2020 में सरकारों द्वारा पत्रकारों और समाचार संस्थाओं के कॉन्टेंट को हटाने की मांगें काफी बढ़ गई थीं. हालांकि, ताजा रिपोर्ट में इस तरह की मांगों के लिए चिन्हित खातों में 14 प्रतिशत की कमी आई है.