पुरूषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद नेशनल हाइवे 130 सी से लगे हुए ग्राम पंचायत बारुका के अंतर्गत आने वाले चिंगरा पगार वॉटर फॉल में रविवार को हुई घटना के दूसरे दिन जिले कई वरिष्ट अधिकारियों ने जाकर चिंगरा पगार वॉटर फॉल और उसके आसपास के क्षेत्र का जायजा लिया. इस दौरान गरियाबंद एडीएम भूपेंद्र साहू, एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक, तहसीलदार प्रवीण पोर्ते और थाना प्रभारी राकेश मिश्रा सहित वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी शामिल थे.
कल हुई घटना के बाद जिला प्रशासन ने स्थानीय ग्रामीणों और मुख्यालय वासियों से चर्चा की. इस दौरान बारूका ग्राम के सरपंच छत्रपाल कुंजाम और स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि क्योंकि वाटरफॉल वन विभाग के अंतर्गत आता है, इसलिए वन विभाग यहां की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें, ताकि अव्यवस्था का माहौल ना बने.
ज्ञात हो कि रविवार दिन भर हुई रुक-रुक कर बारिश के बाद देर शाम चिंगरा पगार वाटरफॉल से लगभग एक डेढ़ किलोमीटर पूर्व में स्थित नाले में बाढ़ का पानी आ जाने के चलते सैकड़ों की संख्या में सैलानी उस पर फंस गए थे, जिसके बाद वन विभाग और पुलिस विभाग की टीम ने मिलकर देर रात तक सैलानियों का रेस्क्यू कर निकाला था.
इस घटना के बाद से स्थानीय प्रशासन पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए व्यवस्थाएं बनाने की तैयारी कर रहे ,हैं जिसके चलते सोमवार को जिले के लगभग सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंचे थे. गरियाबंद थाना प्रभारी राकेश मिश्रा ने बताया कि छुट्टियों के दिन आने वाली भीड़ को अव्यवस्था से बचाने और रविवार को हुआ घटना की दुबारा पुरावृत्ति न हो इसके लिए कई निर्णय लिए गए हैं.
इसी के तहत स्थानीय प्रशासन के द्वारा निर्णय लिया है कि नेशनल हाईवे के किनारे वाहन पार्किंग करके लोगों को लगभग 3 से 4 किलोमीटर अंदर पैदल ही जाना पड़ेगा. हम धीरे-धीरे व्यवस्थाओं को और बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं. कुछ समय सैलानियों को कठिनाई हो सकती है, लेकिन जल्द ही व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया जाएगा.
1 दिन के लिए बंद रह सकता है चिंगरा पगार वाटरफॉल
वन विभाग के रेंजर पुष्पेंद्र साहू ने बताया जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौके का जायजा लिया गया है. फिलहाल पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त हमारी पहली प्राथमिकता है, जिससे जाम की स्थिति न बने मंगलवार 1 दिन के लिए वाटरफॉल को बंद किया जा सकता है, ताकि आने वाले सैलानियों को पार्किंग व्यवस्था में भी तकलीफ ना हो.
सैलानी आने से आय के स्त्रोत बढ़ रहे हैं- स्थानीय ग्रामीण
ग्राम पंचायत बारूका के सरपंच छत्र पाल और स्थानीय ग्राम वासियों ने की रविवार को हुई घटना के बाद कुछ लोग वाटरफॉल को बंद करने की बात कह रहे हैं, लेकिन हमारे द्वारा चिंगरा पगार वाटरफॉल जाने वाले मार्ग को बंद करने का विरोध जा रहा है.
सरपंच और ग्राम वासियों का कहना है कि वाटरफॉल में सैलानियों के आने से हमारे गांव के लोगों के आय में वृद्धि हुई है. हम चाहते हैं कि वाटरफॉल को बंद ना कर वन विभाग और स्थानीय प्रशासन यहां पर आम जनों के लिए व्यवस्था बनाए, ताकि सैलानियों और स्थानीय ग्राम वासियों को भी किसी प्रकार की कठिनाई ना हो.
सवारी वाहन की व्यवस्था से भी मिल सकती है सैलानियों को राहत
नेशनल हाईवे से लगभग 3 से 4 किलोमीटर की दूरी में स्थित वाटरफॉल तक पैदल जाने में सैलानियों को समस्या भी हो सकती है. इसको लेकर भी जिला प्रशासन ने स्थानीय ग्राम वासियों और जिला वासियों से चर्चा की है.
नेशनल हाईवे से वॉटर फॉल के पहले पड़ने वाले नाले तक छोटे और हल्के सवारी वाहनों का संचालन अगर कोई करना चाहे तो वह स्थानीय प्रशासन से चर्चा करके शुरू कर सकता है, ताकि सैलानियों को ज्यादा तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ेगा.
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