रायपुर। छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सरकार ने कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया है। खाद्य विभाग की टीम ने आज रायपुर, धमतरी, महासमुंद और राजनांदगांव जिलों में स्थित राईस मिलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने राइस मिल एसोसिएशन के पदाधिकारी गप्पू मेमन के गरियाबंद स्थित राइस मिल को सील कर दिया है। वहीं रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के भतीजे के दोंदेकला स्थित राइस मिल में भी खाद्य विभाग की टीम पहुंची है।
बता दें कि सरकार और राइस मिलरों के बीच पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा है। मिलर्स ने कस्टम मिलिंग रोक दिया है और धान का उठाव नहीं हो पा रहा है। राइस मिलर अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। इधर अब नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ शासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। आज कार्रवाई के दौरान टीम द्वारा एसोसिएशन के महासचिव प्रमोद जैन की आर.टी. राईस मिल के खिलाफ विधिक कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि मिल प्रबंधन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन कराने के बावजूद अनुमति और अनुबंध का निष्पादन नहीं किया गया था। इसके अलावा, शासकीय धान का उठाव भी नहीं किया जा रहा था।
जांच के दौरान मिल परिसर में 390 क्विंटल उसना चावल और 1200 क्विंटल धान फ्री सेल प्रयोजन हेतु पाया गया, जो छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश, 2016 का उल्लंघन था। मिल परिसर को सील कर धान और चावल जब्त कर लिया गया है। इसके अलावा, जांच दल ने जिला महासमुंद में श्रीवास्तव राईस मिल, नारायण राईस मिल, माँ लक्ष्मी राईस मिल, जिला धमतरी में आकांक्षा राईस मिल, और जिला राजनांदगांव में अतुल राईस मिल में भी दबिश दी और जांच की जा रही है।
जांच दल में तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे, नायब तहसीलदार राजेन्द्र चन्द्राकर, सहायक खाद्य अधिकारी बिन्दु प्रधान सहित अन्य अधिकारी शामिल थे।
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