रायपुर। छत्तीसगढ़ की राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए हालिया बजट में एलआईसी के आईपीओ जारी करने तथा बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 किए जाने की घोषणा का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस पर पुनर्विचार का आग्रह किया है.

उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 – 22 के बजट प्रस्ताव में भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ जारी करने एवं सामान्य बीमा के सार्वजनिक कम्पनी की एक कंपनी के निजीकरण करने तथा बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है.

भारत के बीमा बाजार तथा देश के घरेलू बचत सरकार के इस कदम से निजी देशी, विदेशी पूंजी के हाथो चला जायेगा. जिससे देश के विकास के लिए संसाधन से हम वंचित होंगे. आप इससे अवगत ही होंगे कि हमारे देश में अधिसंरचना के विकास तथा देश के 41 करोड़ बीमाधारकों को बेहतरीन सेवा देने के मामले में एलआईसी विश्व में श्रेष्ठतम कंपनी में से एक है.

आईपीओ के जरिए एल आई सी के शेयर तक निजीं क्षेत्र की किसी भी पंहुच से देश को भी भारी नुकसान होगा. साथ ही इसके द्वारा एकत्रित की गई पूंजी से दीर्घकालिक साधन, जिस पर आज सरकार का नियंत्रण है, उस पर भी निजींक्षेत्र की पंहुच को बढ़ाएगा जो निश्चय ही देश के भावी विकास को प्रभावित करेगा.

इसलिए राष्ट्रहित मे एलआईसी के आईपीओ जारी करने, इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने तथा बीमा क्षेत्र में एफ डी आई में वृद्धि के प्रस्ताव पर देश हित में आपसे मैं पुनर्विचार की विनम्र अपील करती हूं.

गौरतलब है कि बीमा कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि मंडल जिसमे धर्मराज महापात्र, अलेकजेंडर तिर्की, ज्योति पाटिल, विष्णु जघेंल के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे भेंट कर इस पर समर्थन भी मांगा था. वे देश के समस्त सांसदों से भी मिल रहे है और केंद सरकार के इस कदम के खिलाफ सांसदों से समर्थन मांग रहे है.