भारत सरकार ने मीडिया आउटलेट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को राम मंदिर कार्यक्रम से संबंधित झूठी और हेरफेर की गई (फर्जी) सामग्री प्रकाशित करने से बचने के लिए कहा है. 22 जनवरी को एक भव्य समारोह में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा. समारोह से पहले, वीआईपी टिकट, राम मंदिर प्रसाद प्रदान करने का दावा करने वाले कई फर्जी लिंक सोशल मीडिया पर छा रहे हैं.
इसी सिलसिले में केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए मीडिया आउटलेट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को राम मंदिर कार्यक्रम से संबंधित झूठी और हेरफेर की गई खबरों को प्रकाशित करने से बचने के लिए कहा है.
एडवाइजरी में क्या कहा गया?
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है, “यह देखा गया है, विशेष रूप से सोशल मीडिया पर कुछ झठी, भड़काऊ और फर्जी मैसेज फैलाए जा रहे हैं, जो सांप्रदायिक सद्भावना और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकते हैं.” अयोध्या में राम लला की मूर्ति का अभिषेक समारोह 22 जनवरी को होगा, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य शामिल होंगे.
भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा. राम मंदिर समारोह से पहले वीआईपी टिकट, राम मंदिर प्रसाद प्रदान करने का दावा करने वाले कई फर्जी लिंक सोशल मीडिया पर नजर आ रहे हैं.
राम मंदिर प्रसाद को लेकर अमेजन का आया नोटिस
ई-कॉमर्स साइट अमेजन को शुक्रवार (19 जनवरी) को अयोध्या राम मंदिर प्रसाद की लिस्टिंग हटाने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की ओर से नोटिस दिया गया था. जिस पर अमेजन की ओर से कहा गया था कि वह अपनी नीतियों के अनुसार ऐसी लिस्टिंग के खिलाफ उचित कार्रवाई कर रहा है.
अमेजन ने स्वीकार किया कि उसे कुछ विक्रेताओं के भ्रामक उत्पाद दावों के संबंध में सीसीपीए से एक नोटिस मिली है और कहा कि कंपनी उनकी जांच कर रहा है.
वीआईपी टिकट का वायरल हुआ था नकली क्यूआर
कुछ दिन पहले, प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए तत्काल वीआईपी टिकटों का वादा करते हुए नकली क्यूआर कोड वाला एक व्हाट्सएप संदेश बड़े पैमाने पर साझा किया गया था. मंदिर ट्रस्ट ने स्पष्ट किया कि प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम केवल निमंत्रण के लिए है और ट्रस्ट ने स्वयं चुनिंदा अतिथियों को निमंत्रण भेजा है.