कुंदन कुमार/पटना: बिहार सरकार अब होर्डिंग पॉलिसी बनाने जा रही है, जिससे राज्य की सड़कों और सरकारी भवनों पर पोस्टर और बैनर लगने पर डेढ़ सौ करोड़ रुपए से भी ज्यादा का राजस्व राज्य सरकार को मिलेगा. राज्य में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होना है. पटना समेत सभी छोटे बड़े शहरों में होर्डिंग और बैनर लगाने की होड़ मची है. 

10 साल से चल रही है कवायद 

बिहार में होल्डिंग पॉलिसी ना होने से प्रदेश के 261 नगर निकायों को हर साल लगभग 150 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. अकेले पटना नगर निगम को 50 करोड़ रुपए का सालाना घाटा हो रहा है. विज्ञापन नीति के अभाव में ना तो शुल्क तय है, ना ही कार्रवाई के नियम. इसका फायदा अवैध विज्ञापन माफिया उठा रहे हैं, जो बिना किसी रोक-टोक करोड़ रुपए की कमाई कर रहे हैं. पिछले 10 साल से इस दिशा में कवायद चल रही है. 

राजस्व का होगा फायदा 

सरकार बदल रही है और नगर विकास एवं आवास विभाग के नए-नए मंत्री बनते रहे हैं, फिर भी अब तक विज्ञापन पॉलिसी की मंजूरी नहीं मिल सकती है. निश्चित तौर पर सरकार ने इस बार सोचा है कि 10 साल से जो होल्डिंग पॉलिसी अटकी हुई है. उसका ड्राफ्ट बनाया जाएगा और ड्राफ्ट के बाद इस पॉलिसी को कैबिनेट में ले जाया जाएगा और कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद बिहार में होर्डिंग पॉलिसी तय कर ली जाएगी और इससे बिहार सरकार को डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा का राजस्व का फायदा भी होगा. 

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