रायपुर। अब गांवों में पांच हजार वर्गफीट से अधिक जमीन का डायवर्सन 15 दिनों में होगा. राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश के सभी कमिश्नरों को विस्तृत निर्देश जारी किया है. यही नहीं, यह काम करवाने के लिए आवेदनपत्र के साथ नक्शा, खसरा बी वन के अलावा कोई भी दस्तावेज नहीं देना होगा. 

कमिश्नरों को जारी विस्तृत निर्देश में कृषि भूमि का गैर कृषि भूमि में परिवर्तन की अनुज्ञा देने तथा गैर कृषि प्रयोजन के लिए प्रब्याजी और वार्षिक भू-भाटक के निर्धारण के लिए एसडीएम राजस्व को सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है. 5000 वर्गफीट तक जमीन के लिए विकास योजना में शामिल गांवों की भूमि के डायवर्सन के लिए आवेदन एसडीएम को दिए जाएंगे.

डायवर्सन के लिए आवेदक को अपने आवेदन के साथ नक्शे में अपने भूखंड को अंकित करते हुए नक्शा देना होगा. एसडीएम आवेदक द्वारा पेश नक्शे को नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय की ओर से अनुमोदित विकास योजना के नक्शे से मिलान करने के बाद डायवर्सन के आवेदन का निराकरण करेंगे. यह पूरी प्रक्रिया आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर करनी होगी. 

अधिक भूमि के डायवर्सन के लिए ऐसी होगी प्रक्रिया

विकास योजना के अंतर्गत शामिल गांवों के लिए 5000 वर्गफीट से अधिक भूमि के डायवर्सन के लिए आवेदन सबसे पहले नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय में जमा करना होगा. ग्राम एवं नगर निवेश कार्यालय संबंधित क्षेत्र की विकास योजना के अनुसार अपना अभिमत देते हुए प्रकरण संबंधित अनविभागीय अधिकारी राजस्व को भेजेंगे. नगर निवेश से अभिमत प्राप्त होने के बाद एसडीएम 15 दिनों के भीतर प्रकरण में अनिवार्य रूप से या डायवर्सन न होने की स्थिति में कारण स्पष्ट करते हुए या तो प्रकरण निरस्त करेंगे या डायवर्सन करेंगे.

दस्तावेज पर संदेह होने पर एसडीएम करेंगे जांच

छत्तीसगढ़ राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव की ओर से राज्य के सभी कमिश्नरों को भेजे गए निर्देश में कहा है कि डायवर्सन के प्रकरणों में आवेदक से खसरा, नक्शा, बीवन के अलावा किसी अन्य दस्तावेज की मांग की आवश्यकता नहीं है. यदि किसी दस्तावेज पर संदेह हो, तो एसडीएम जांच कर सकते हैं, लेकिन ये पूरी प्रक्रिया 15 दिनों में पूरी करनी होगी. डायवर्सन का आवेदन करने वालों को मिसल चकबंदी, अभिलेख, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, पुराना खसरा पांच साल आदि पेश करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.