सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के आदिवासियों पर दर्ज करीब आठ हजार वन अपराध राज्य सरकार खत्म करेगी। इसके लिए वन मुख्यालय ने सभी डीएफओ को कार्ययोजना भेजी है। इस कार्ययोजना के अनुसार अगले तीन माह में वन अधिनियम 1927 एवं वन्य प्राणी (संरक्षण अधिनियम 1972) के अंतर्गत अनुसूचित जनजातीय वर्ग के व्यक्तियों के खिलाफ पिछले 10 सालों के पंजीबद्ध प्रकरणों के निराकरण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है, जिन्हें समाप्त किया जाना है।
वन मुख्यालय के अनुसार वन विभाग एवं न्यायालय में लंबित कुल प्रकरणों की संख्या सात हजार 902 है। 11 जिले बालाघाट, बैतूल, रायसेन, सतना, सागर, दमोह, सिवनी, उमरिया, अनूपपुर, शिवपुरी एवं गुना के वनमंडलों में 100 से 300 प्रकरण हैं। जिनमें वन विभाग के पास 2085 प्रकरण लंबित हैं। जिन्हें दो माह में निराकृत किया जाना है। एक जिले बुरहानपुर वनमंडल में 300 से अधिक प्रकरण हैं। इस प्रकार वन विभाग के पास कुल 3470 प्रकरण लंबित हैं।
सरकारी वकीलों के माध्यम से न्यायालय से अनुरोध
पिछले दस सालों में सभी जिलों के वनमंडलों में कुल 30 हजार 619 प्रकरण दर्ज हुए हैं। जिनमें से 22 हजार 717 प्रकरण निराकृत कर दिए गए हैं। वहीं लंबित प्रकरणों की संख्या सात हजार 902 है। जिनमें से 3470 प्रकरण वन विभाग के पास लंबित हैं और चार हजार 432 प्रकरण न्यायालय में लंबित हैं। न्यायालय में लंबित प्रकरणों के जल्द निराकरण के लिए सरकारी वकीलों के माध्यम से राज्य सरकार न्यायालय से अनुरोध कर रही है।
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