जोधपुर। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज यानी सोमवार को जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर सरदारपुरा विधानसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. नामांकन दाखिल करने से पहले सीएम गहलोत ने जोधपुर में अपने परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और अपनी बड़ी बहन विमला देवी से आशीर्वाद लिया. गहलोत के नामांकन दाखिल करते समय उनके साथ पत्नी सुनीता गहलोत और बेटे वैभव गहलोत समेत हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी साथ पहुंचे. Read More- देश के पहले दलित मुख्य सूचना आयुक्त बने राजस्थान के हीरालाल समारिया, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

जिला निर्वाचन कार्यालय से बाहर आने के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि पहले राजस्थान को पिछड़े राज्य के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब यह बदल गया है. आज राजस्थान में एम्स, आईआईटी, आईआईएम और अन्य विश्वविद्यालय हैं. जब मैं पहली बार सीएम बना, तो केवल 6 विश्वविद्यालय थे और अब 100 से ज्यादा कॉलेज हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता माई-बाप होती है. जनता ने सरकार को रिपीट करने का मूड बना लिया है. आज गांव-गांव और शहर-शहर हमारी योजनाओं की चर्चा हो रही है. कोरोना में हमारा मैनेजमेंट शानदार रहा. हमारे भीलवाड़ा मोडल की चर्चा हुई.

एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि बागी भी पार्टी के लोग ही है. उनसे बातचीत चल रही है. उन्हें मना लिया जाएगा. सब मिलकर काम करेंगे. हमने पांच साल जनता के लिए शानदार काम किया है. कांग्रेस ने जो गारंटियां दी है, उन्हें पूरा करेंगे. जनता हमारी गारंटी पर भरोसा करेगी. हमने जनसेवा का धर्म निभाया है. सीएम गहलोत ने कहा कि एजेंसियों के दुरुपयोग पर बीजेपी को करारा जवाब मिलेगा.

उल्लेखनीय है कि सरदारपुरा विधानसभा सीट से 1999 में गहलोत 49 हजार वोटों से जीते थे. 2003 विधानसभा चुनाव में गहलोत ने भाजपा के महेंद्र झाबक को 24 हजार वोटों से हराया था. 2008 के विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत ने बीजेपी के राजेंद्र गहलोत को 16 हजार वोट से हराया और दूसरी बार सीएम बने. फिर साल 2013 में गहलोत ने बीजेपी के शंभू सिंह खेतासर को 18 हजार वोटों से हराया, लेकिन प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी. 2018 में अशोक गहलोत ने बीजेपी के शंभू सिंह खेतासर को 48 हजार वोटों से चुनाव हराया और तीसरी बार राजस्थान के सीएम बने.