शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार का मुख्य फोकस अब खर्चे कम करने पर है। विभागों के खर्चों को कम करने और आय बढ़ाने को लेकर सरकार की कार्य योजना तैयार है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट आवंटन के बाद आय और व्यय को लेकर प्लान तैयार है। बजट आवंटन के बाद आय और व्यय कार्ययोजना को लेकर विभागों को बैठक करने के निर्देश दिए है। अब कई योजनाओं में वित्त विभाग से अनुमति के बाद ही अलग अलग विभाग बजट में खर्च कर पाएंगे। खर्चों को लेकर तीन महीने की व्यय सीमा कार्ययोजना पर ही सभी विभाग काम करेंगे।
विभागों के खर्चों को दो श्रेणी में बांटा गया
वेतन भत्ते मजदूरी छात्रवृत्ति प्राकृतिक आपदा और अन्य खर्चे पर त्रैमासिक व्यय सीमा लागू नहीं होगी। खर्चे को लेकर निर्देश आवश्यकता का अनुमान लगाने के बाद बजट आवंटन अनुसार ही खर्च किए जाएं। हितग्राही मूलक योजनाओं में उपलब्ध बजट आवंटन के मुताबिक़ ही वित्तीय वर्ष के लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश। किसी भी राशि अंतरण में ब्याज भुगतान की स्थिति निर्मित हो विभागों को सख़्त निर्देश दिए गए। जिन भी योजनाओं की राशि केंद्र सरकार से मिलती है उनको दो महीने के अंदर में ही पूरा किया जाने के निर्देश। कार्ययोजना में महत्वपूर्ण निर्देश दिये गये। अगर किसी विभाग के बजट में बचत हो रही हो तो वित्त विभाग को जानकारी दें जिससे कि उस विभाग की राशि दूसरे विभाग के उपयोग में आ सके।
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