रायपुर- निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने सरकार ने अपने नए निर्देश में कहा है कि अब स्कूलों को प्रमाण पत्र देकर यह बताना होगा कि उन्होंने परिजनों से फीस नहीं मांगी है. सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि कल शाम ने राज्य के सभी निजी स्कूलों से यह जानकारी लेकर शासन को भेजी जाए. बता दें कि राज्य सरकार ने सभी निजी स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी कर कहा था कि लाॅकडाउन के दौरान फीस न वसूली जाए. बावजूद इसके परिजनों की ओर से यह शिकायत आ रही थी कि सरकार के निर्देशों को ताक पर रखकर निजी स्कूल प्रबंधन फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं.
लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि निजी स्कूलों को सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश संदर्भित पत्र भेजकर यह प्रमाण पत्र लिया जाए कि स्कूल प्रबंधन द्वारा परिजनों से फीस नहीं मांगी गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद एक अप्रैल को राज्य के सभी निजी स्कूलों को शासन की ओर से कहा गया था कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लागू हुए लाकडाउन के दौरान फीस वसूली न की जाए.
एक अप्रैल को मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में एक ट्वीट भी किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि-‘लॉकडाउन के दौरान अनेक निजी शालाओं द्वारा स्कूल फीस जमा करने संबंधी संदेश पालकों को लगातार भेजे जा रहे हैं, ऐसे समय में फीस भुगतान के लिए दबाव डालना उचित नहीं है, सभी शालाओं को लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फीस वसूली स्थगित रखने के निर्देश दिये गए हैं’
लॉकडाउन के दौरान अनेक निजी शालाओं द्वारा स्कूल फीस जमा करने संबंधी संदेश पालकों को लगातार भेजे जा रहे हैं, ऐसे समय में फीस भुगतान के लिए दबाव डालना उचित नहीं है।
सभी शालाओं को लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फीस वसूली स्थगित रखने के निर्देश दिये गए हैं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 1, 2020
इधर सरकार ने निर्देश के बाद भी फीस वसूली की शिकायत सामने आने के बाद आठ निजी स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी लॉकडाउन की अवधि में निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों का वेतन जारी रखने का निर्देश भी दिया गया है.
देखे आदेश-