अहिंसा विश्व भारती संस्था के संस्थापक आचार्य लोकेशजी ने बताया कि राष्ट्रीय सम्मेलन जनमानस को जाति, धर्म एवं संप्रदाय से ऊपर उठकर सभी के लिए विकास की एक नई दिशा दिखाएगा। इन सम्मेलनों से महात्मा गांधी की शिक्षाएं जन-जन तक प्रसारित होंगी। यह न केवल एक ऐतिहासिक कदम है बल्कि राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका भी निभाएगा। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के राजभवन में ‘सभी के लिए विकास’ विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में विचार-मंथन किया जाएगा, जो प्रदेश के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने अहिंसा विश्व भारती के कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे ऐसी कार्य-योजना तैयार करें जिससे प्रदेश में कोई भी शिक्षा और चिकित्सा के लिए वंचित न रहे तथा आजीविका के संसाधन भी उन्हे संतुलित ढंग से मिल सके। ऐसा करके ही हम महात्मा गांधी के स्वस्थ समाज संरचना के स्वप्न को साकार कर सकते हैं।

ज्ञातव्य है कि भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने गत 26 सितम्बर को दिल्ली में अहिंसा विश्व भारती संस्था द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित इन 25 कार्यक्रम की श्रृंखला का उद्घाटन किया था। संस्था ने अब तक महाराष्ट्र के मुंबई, गुजरात के सूरत, पंजाब के चंडीगढ़ में कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है। महाराष्ट्र में केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले, गुजरात में राज्यपाल ओ. पी. कोहली एवं पंजाब में राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनोर द्वारा उद्घाटन किया गया था।

अहिंसा विश्व भारती द्वारा आगामी कार्यक्रमों के अनुसार जनवरी माह में मध्य प्रदेश राजभवन में राज्यपाल लाल जी टंडन एवं फरवरी माह में केरल राजभवन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एवं मणिपुर राजभवन में राज्यपाल डॉ. नजमा हेपतुल्ला द्वारा उद्घाटन किया जाएगा। संस्था इसी तरह उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम, ओड़ीशा, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना सहित देश के लगभग सभी प्रांतों में सम्मेलन आयोजित करने के बाद न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय पर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।