मुंबई। विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के पखवाड़े भर बाद भी महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर बनी असमंजसता के बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस्तीफा सौंप दिया. राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया के सामने पखवाड़े भर की चुप्पी को तोड़ते हुए तमाम सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि ढाई-ढाई साल के सीएम का फार्मूला शिवसेना का बहाना है. उनके सामने या अमित शाह के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई चर्चा नहीं की. सरकार के गठन को लेकर विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता था.
फडणवीस ने महायुति को जनादेश मिलने के बाद भी सरकार नहीं बना पाने पर अफसोस जताया. महायुति की सरकार का नहीं बनना जनादेश का अपमान होगा. उन्होंने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी, इसके लिए हम महाराष्ट्र की जनता का आभार व्यक्त करते हैं. चुनाव में हमारा स्ट्राइक रेट 70 प्रतिशत रहा, लेकिन हमें उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिली. बीते पांच सालों के दौरान हमने पारदर्शिता के साथ सरकार चलाने की कोशिश की. सूखे से निपटने के लिए पूरे प्रयास किया.
उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक पार्टी हमारी दुश्मन नहीं है. राजनीतिक पार्टियों से हमारे मतभेद वैचारिक हैं. उद्धव ठाकरे के करीबी लोग अलग-अलग दावे कर रहे हैं. शिवसेना ने प्रधानमंत्री पर भी आरोप लगाए, पीएम पर ऐसे आरोप तो एनसीपी ने भी नहीं लगाए. उन्होंने कहा कि हम शिवसेना के बयानों का जवाब दे सकते थे, लेकिन हमने कोई बयानबाजी नहीं की. मीडिया में बयानों से सरकार नहीं बनती है.