रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके मेडिकल कॉलेज के अटल बिहारी वाजपेयी सभागृह में रोलबोल क्लब द्वारा आयोजित ‘रेस्ट ऑफ लाईफ-बेस्ट ऑफ लाईफ’ कार्यक्रम में कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से युवाओं में अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए नई सोच विकसित होगी। उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वालों के अनुभव सुनकर उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

राज्यपाल उइके ने अपने संघर्षपूर्ण जीवन की स्मृतियां सुनाकर सकारात्मक सोच के साथ लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में उतार और चढ़ाव आते हैं। विपरीत परिस्थितियां भी आती है, मगर हमें उन परिस्थितियों में मायुस होकर या अपनी असफलता स्वीकार करके शांत नहीं बैठना है, बल्कि उसे एक चुनौती मानना है और उसका डटकर सामना करना हैं, निश्चित ही आपको ऐसा परिणाम मिलेगा, जिसकी कल्पना आपने भी नहीं की होगी। मैं स्वयं एक सामान्य परिवार से ताल्लुकात रखती हूं। मेरे स्कूली जीवन की शुरूआत सामान्य विद्यार्थी के रूप में हुई। उस समय शिक्षा प्राप्त करना भी एक चुनौती थी, मगर मुझे कुछ सकारात्मक वातावरण मिलने पर अपनी स्कूली शिक्षा प्रारंभ की और कई परेशानियों के आने के बाद भी उसे निरंतर बनाए रखा। मुझे एक बार किसी कारण से परीक्षा परिणाम में असफलता मिली, मगर मैंने हिम्मत नहीं हारी और उसे एक चुनौती मानते हुए फिर से प्रयास किया और अच्छे अंक लेकर प्रावीण्य सूची में स्थान बनाकर दिखाया।

सुश्री उइके ने कहा कि डिग्री हासिल करने के साथ ही हमें अपने अंदर नम्रता और सहजता को बनाए रखना है तथा अहंकार कदापि न आने दें। उन्होंने कहा कि यदि हमें कोई चीज हासिल करनी है तो सबसे पहले अपना नजरिया हमेशा सकारात्मक रखें। यह नजरिया हमें खुलकर सोचने और कार्य करने में मदद करता है। वास्तव में सकारात्मक सोच वह ताकत होती है, जिसने इसे अपनाया, वह सब कुछ कर सकता है, जिसकी कोई लिमिट नहीं होती है। नकारात्मक नजरिया हमारे सोच को सीमित कर देता है। इसलिए मेरा कहना है कि इसे अपने अंदर से हमेशा के लिए निकाल कर बाहर करें। मैंने पाजीटिव एटिट्यूड को हमेशा अपने जीवन में बनाए रखा और निरंतर आगे बढ़ते रही। आत्मविश्वास सबसे बड़ी ताकत होती है, इसे सदैव अपने अंदर बनाए रखें। यदि आपने सोच लिया कि आप सफल होंगे तो आपको निश्चत ही सफलता दिलाएगा। जिसके अन्दर आत्मविश्वास होगा, वह खुद को निरंतर मोटिवेट रख पाते