रायपुर। कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी लड़ाई में राज्यपाल अनुसुईया उइके ने मुख्य सचिव आरपी मण्डल और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए उठाए गए समस्त एहतियाती कदम की जानकारी लेते हुए इस बात का ध्यान रखने को कहा कि कोई भी गरीब-निर्धन, मजदूर परेशान न हो.
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने मुख्य सचिव मंडल के साथ श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा, चिकित्सा विभाग की सचिव निहारिका बारिक, खाद्य विभाग के सचिव कमलप्रीत सिंह उपस्थित थे.
बैठक में राज्यपाल ने जोर दिया कि कोई गरीब-निर्धन, मजदूर परेशान न हों, सबका ख्याल रखें. बेघर, निराश्रित लोगों की भोजन-रहवास तथा इलाज की भी व्यवस्था करें. श्रमिक परेशान न हों इसका ध्यान रखें, संबंधित उद्योग धंधे और संस्था उन्हें कार्य से मुक्त न करें और उन्हें आजीविका के लिए नियमित मजदूरी देना सुनिश्चित करें. शासन भी उनकी मदद के लिए आवश्यक कार्यवाही करे.
सुश्री उइके ने कहा कि राज्य शासन द्वारा संक्रमण से बचाव के लिए किये जा रहे कार्य संतोषजनक है, उन्होंने मुख्य सचिव सहित समस्त अधिकारी व कर्मचारियों को कर्मठता और संवेदनशीलता के लिए कार्य करने के लिए बधाई दी. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चिकित्सा उपकरणों, मास्क तथा अन्य संसाधनों की आवश्यकता होने पर जानकारी दें, मैं स्वयं इसके लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रपति से भी चर्चा करूंगी.
उन्होंने कहा कि अभी कोरोना वायरस से बचाव के लिए निर्णायक लड़ाई बाकी है, इसके लिए हम सबको टीम भावना के साथ कार्य करना होगा. लॉकडाउन का गंभीरता से पालन कराएं और लोगों को जागरूक करें, परन्तु यह ध्यान रखें कि जो भी प्रवासी नागरिक-तीर्थ यात्री जो हमारे राज्य में बाहर से आए हैं, उनके रहने-खाने और स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था करें. साथ ही हमारे राज्य के नागरिक भी दूसरे प्रदेशों में किसी कारणवश फंसे हुए हैं, उनकी मदद के लिए मुख्य सचिव संबंधित राज्य के मुख्य सचिव से चर्चा करें.
राज्यपाल ने कहा कि पुलिस आम लोगों के साथ संवेदनशीलता के साथ पेश आएं, यदि लॉकडाउन के कारण अति आवश्यक काम के लिए जो बाहर निकलते हैं, उन्हें अनावश्यक परेशान न करें बल्कि उनकी मदद करें, हो सके तो दवाइयां सहित अन्य खाद्य सामग्री की आवश्यकता हो, उन्हें दिलाने में भी सहयोग करें, साथ ही लॉकडाउन का गंभीरता से पालन कराएं और जो बेवजह इसका उल्लंघन कर रहे हैं, उन्हें समझाइश दें और नियमानुसार कार्रवाई करें.