रायपुर. राज्यपाल अनुसुईया उइके से आज राजभवन में श्री जगन्नाथ सेवा समिति रायपुर के अध्यक्ष पुरन्दर मिश्रा ने सौजन्य मुलाकात की. इस दौरान पुरन्दर मिश्रा ने राज्यपाल को आगामी 1 जुलाई को निकलने वाली महाप्रभु जगन्नाथ जी की रथयात्रा में छेरा-पहरा की रस्म निभाने के लिए प्रथम सेवक के रूप में शामिल होने का निमंत्रण दिया. इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को परंपरागत वस्त्र भेंट किया और भगवान श्री जगन्नाथ का प्रसाद ‘मड़ा’ और ‘खाजा’ भी दिया.
बता दें कि आगामी 1 जुलाई को महाप्रभु जगन्नाथ जी की रथयात्रा निकलेगी. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. रथ पर भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र सवार होकर नगर भ्रमण करते हैं. ये वह अवसर होता है जब भक्त भगवान के पास नहीं जाते, बल्कि खुद भगवान अपने भक्तों का हालचाल जानने, उनसे मिलने भक्तों के पास उनके बीच जाते हैं.
क्या है छेरा-पहरा रस्म ?
रथ पर भगवान के सवार होने के बाद, रथ निकलने के पहले एक रस्म निभाई जाती है जिसे छेरा-पहरा कहते हैं. इसमें भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भइया बलभद्र के सवार होने के बाद एक सेवादार सोने के हत्थे वाली झाड़ू से रथ के सामने झाड़ू लगाकर मार्ग को साफ करता है. ये रस्म राजा या मुखिया के द्वारा निभाई जाती है. यानी राजा रथ पर झाड़ू लगाता है.
रस्म के पीछे का बड़ा संदेश
इस रस्म के पीछे एक बहुत बड़ा संदेश है. रस्म के अनुसार राजा को रथ के आगे झाड़ू लगानी होती है. सुनने में हो सकता है कि किसी को अजीब लगे, कि एक राजा झाड़ू लगाता है. लेकिन यही इस रस्म का संदेश है कि भगवान के सामने कोई राजा या रंक नहीं होता. उनके सामने सब एक होते हैं. ना कोई अमीर ना कोई गरीब. ना कोई राजा ना रंक. भगवान के आगे सब एक समान हैं.
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