दानापुर। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गुरूवार को कहा कि देश अब उन परंपराओं और प्रभावों से बाहर निकल रहा है जो गुलामी के दौर में अपनाए गए थे। उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई गवर्नर्स की बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि भारत को औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इसी सोच के तहत देशभर के राजभवनों का नाम बदलकर लोकभवन करने के प्रस्ताव को पिछली गवर्नर्स कॉन्फ्रेंस में मंजूरी दी गई थी जिसे अब लागू किया जा रहा है।
चिंता पर लिया गया निर्णय
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कई बार यह चिंता जताई है कि देश को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि हम उन प्रतीकों और व्यवस्थाओं को बदलें जिनकी जड़ें गुलामी के दौर में हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्थाएं, भवन और उनकी कार्यप्रणालियां भारतीय मूल्यों के अनुरूप हों, यही राष्ट्रहित में है। इसी के तहत राजभवन को लोकभवन के रूप में पहचान देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
इस लिए उठाया बड़ा कदम
राज्यपाल ने कहा कि यह परिवर्तन केवल नाम बदलने का विषय नहीं है बल्कि देश की आत्मसम्मान और स्वाभिमान से जुड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि जब प्रशासनिक और संवैधानिक ढांचे में भारतीयता का समावेश होगा तभी वास्तविक आत्मनिर्भरता और मानसिक स्वतंत्रता प्राप्त होगी। यह फैसला इसी व्यापक विचार का हिस्सा है कि जनता से जुड़े संस्थानों में लोक शब्द प्रमुखता से आए, ताकि लोकतांत्रिक मूल्यों को और मजबूती मिले।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें



