रायपुर। ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास गुरुवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर आए. वे राज्यपाल बनने के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ आए हैं. राज्यपाल दास यहां साहू समाज के अभिनंदन समारोह में शामिल हुए. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपने बचपन की बात बताते-बताते राज्यपाल रो पड़े. Read More – Chhattisgarh Election 2023 : पूर्व विधायक होरा समेत 3 नेताओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी

उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि 1935 में मेरे पिता मजदूरी करते थे, जब वे मजदूरी करते थे तो काफी दूर चलकर जाते थे. हमको पढ़ाया लिखाया और अच्छा इंसान बनाया, राजनांदगांव में हमारी जमीन थी, जिसको 1979 में हमने बेच दिया. शुरू से पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ समाजिक काम में बढ़चढ़ कर भाग लेते थे. 1995 में जब मैं विधायक नहीं था तब मन्दिर, भवन, किशोर संघ बनाया. गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए व्यवस्था की. विधायक बनने के पहले समाज ने हमेशा साथ दिया. लोकतंत्र की खूबसूरती हैं, जिसके बाप बेटा टाटा कम्पनी में मजदूरी करते हैं, उन्हें राज्यपाल बनाया. मजदूरी करते हुए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और फिर महामहिम के कुर्सी तक आज पहुंचा हूं.

राज्यपाल ने कहा, इसमें सबसे बड़ी भूमिका मां की थी. मां बाप दोनों अनपढ़ थे, कॉलेज में जय प्रकाश आंदोलन चल रहा था. उस वक्त मेरी गिरफ्तारी हुई, जमशेदपुर जेल में जब भी पापा मिलने आते थे तो रोते थे, लेकिन मां नहीं रोती थी. मां कहती थी कोई चोरी करके जेल नहीं गए हो, सबसे बड़ा योगदान मां का रहा है. महिला शक्ति के सबसे बड़े योद्धा में मां हैं. बिना नारी शक्ति के मैं यहां तक नहीं पहुंच सकता था. उन्होंने कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश हैं, जहां एक मजदूर भी महामहिम तक पहुंच सकता हैं. चाय बेचने वाला भी प्रधानमंत्री बन सकता हैं. भारत के लोकतंत्र की ये खूबसूरती हैं. आदिवासी टीचर भी राष्ट्रपति बन सकती हैं. कोई भी व्यक्ति तब महान बनता है, जब समाज उसके साथ रहता है. समाज की शक्ति के बिना कोई महान नहीं बन सकता.

रघुवर दास ने कहा, हम कलयुग में जी रहे हैं. कलयुग में भी भगवान श्री कृष्ण सदियों से ओडिशा के पवित्र धरती में जगन्नाथ भगवान के रूप में विराजमान है. मुझे जगन्नाथ भगवान ने गरीब पिछड़ों की सेवा के लिए बुलाया हैं. ओडिशा को उन्नत प्रदेश बना सकू इतना आशीर्वाद चाहिए. यहां बहुत से छतीसगढ़ियां है जो राजनीतिक क्षेत्रों में है. सबसे बढ़िया के इतिहास को कोई दोहरा नहीं पाया, लेकिन झारखंड जमशेदपुर में भी रहकर पूरा देश दुनिया को ये नारा दिया. पूर्वजों के समय से ये पहचान हैं. आज यही संकल्प लेते हैं जो शक्ति हैं, शक्ति को संजो कर रखना है. इसी शक्ति के कारण आगे बढ़ना हैं. साहू समाज के अभिनंदन समारोह में आप सभी को जगन्नाथ भगवान के दर्शन के लिए आमंत्रित करता हूं.

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समाज के अध्यक्ष नंदलाल साहू ने बताया कि साहू समाज से पहली बार कोई व्यक्ति राज्यपाल बना है. यह हमारे समाज के लिए बहुत ही गर्व की बात है. बता दें कि छत्तीसगढ़ की धरती से रघुवर दास के माता पिता का गहरा नाता रहा है.