जम्मू : जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बारामूला में आतंकवादियों के मारे जाने पर जहां सुरक्षा बलों को बधाई दी है, वहीं उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर में जारी खून-खराबे का समाधान मारना नहीं है। उन्होंने आतंकियों से बंदूक छोड़ समाज की मुख्यधारा में लौटने की अपील करते हुए यह भी कहा कि घाटी में अगर कोई आतंकी भी मरता है तो उन्हें पीड़ा होती है।
यहां उल्लेखनीय है कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला को कश्मीर घाटी का पहला आतंक मुक्त जिला घोषित किया गया है। यहां बुधवार को तीन आतंकियों के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद सेना ने इसे आतंक मुक्त घोषित किया गया। जम्मू एवं कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि बारामूला, कश्मीर का पहला आतंक मुक्त जिला बन गया है।
कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ लोहा लेने वाले सुरक्षा बलों की तारीफ करते हुए राज्यपाल मलिक ने कहा कि सुरक्षा बलों ने उम्दा तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाई लेकिन कश्मीर में आतंकी समस्या का समाधान मारना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद बंदूक में नहीं, बल्कि इंसान के दिमाग में है… हम चाहते हैं कि वे सभी समाज की मुख्यधारा में लौट आएं। मारना कोई समाधान नहीं है… एक आतंकी भी मरता है तो दुख होता है।’
राज्यपाल मलिक ने हथियार उठाने वाले कश्मीरी युवाओं से बंदूक छोड़ने की अपील करते हुए यह भी कहा कि उनके पुनर्वास की अच्छी व्यवस्था की जाने की जरूरत है। मलिक इससे पहले भी कई मौकों पर आतंकियों से हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौटने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने आतंकियों को चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि अगर उनकी ओर से हमला होता है तो उन्हें फूलों का गुलदस्ता नहीं दिया जाएगा, बल्कि जवाबी कार्रवाई की जाएगी।